बुडापेस्ट(हंगरी): अमेरिका में ट्रंप की वापसी से यूरोपीय संघ के नेताओं मे खलबली मच गई है। यूरोपीय संघ को आशंका है कि ट्रंप का रुख कई मामलों में यूरोप के खिलाफ हो सकता है। ऐसे में फ्रांस और जर्मनी के एकजुट होने के आह्वान के बाद 50 यूरोपियन लीडर ने एक बैठक की। इसके बाद अब 27 देशों ने जल्द ही शिखर वार्ता करने का ऐलान किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और नाटो महासचिव मार्क रूट सहित लगभग 50 यूरोपीय नेता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद संबंधों पर पड़ने वाले असर का आकलन करेंगे।
पहले से ही जटिल आर्थिक स्थिति को और मुश्किल बनाते हुए, यूरोप की आर्थिक महाशक्ति जर्मनी, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अपने वित्त मंत्री को बर्खास्त करने के बाद राजनीतिक संकट में फंस गई है। यह घटनाक्रम कुछ महीनों में चुनाव होने और यूरोप में कट्टर दक्षिणपंथी और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच एक और गतिरोध की आशंका को बढ़ाता है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि इन दो घटनाओं ने साथ मिलकर स्थिति को और गंभीर बना दिया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का असर पड़ना अभी बाकी है।
यूरोपीय परिषद का क्या है रुख
यूरोपीय परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल ने कहा, ‘‘अमेरिका के साथ हमारा संबंध महत्वपूर्ण है और हम इसे प्रगाढ़ करने के लिए तैयार हैं।’’ ब्रिटेन, तुर्की और बाल्कन देशों के नेताओं के शाम में रवाना होने के शीघ्र बाद यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 देश एक अलग शिखर बैठक करेंगे। अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूरोप के साथ व्यापार युद्ध से लेकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रतिबद्धताओं को वापस लेने और रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के समर्थन में बुनियादी बदलाव लाने तक की बात कही थी – ये सभी मुद्दे पूरे यूरोप के देशों के लिए क्रांतिकारी परिणाम ला सकते हैं। शिखर सम्मेलन के मेजबान और ट्रंप के प्रशंसक, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने बृहस्पतिवार सुबह कहा कि उन्होंने रात में ट्रंप के साथ फोन पर बात की, और घोषणा की कि ‘‘हमारे पास भविष्य के लिए बड़ी योजनाएं हैं!’’
जॉर्जिया मेलोना की भी आया बयान
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने रोम और वाशिंगटन को एक सूत्र में पिरोने वाली गहरी और ऐतिहासिक रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। यह साझेदारी ट्रंप के प्रथम कार्यकाल के दौरान, 2017 से 2021 तक निरंतर दबाव में रही। पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने विदेशी उत्पादों के अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने के दावों के आधार पर यूरोपीय संघ के इस्पात और एलुमिनियम पर 2018 में शुल्क लगा दिया था। यूरोपीय और अन्य सहयोगियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका निर्मित मोटरसाइकिल, बर्बन व्हिस्की, पीनट बटर और जींस सहित अन्य वस्तुओं पर शुल्क लगा दिया। अमेरिकी चुनाव परिणाम का प्रभाव यूरोप में आने वाले वर्षों में महसूस किया जा सकता है, जिसमें यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध, साथ ही प्रवासन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे होंगे। बृहस्पतिवार को सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में जेलेंस्की भी शामिल हैं। उम्मीद की जा रही है कि वह अपने देश को रूसी आक्रमण से बचाने के लिए और अधिक सहायता की अपील करेंगे। यह समय इसलिए महत्वपूर्ण है कि ट्रंप ने निर्वाचित होने के ‘‘24 घंटे के भीतर’’ युद्ध समाप्त करने का संकल्प लिया है। (एपी)
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