बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का भाषण एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के हीरक जयंती समारोह में भविष्य में सांसद ने कहा कि बच्चे भी ऑनलाइन पैदा होंगे। सांसद एआई के प्रभाव पर भाषण दे रहे थे, उन्होंने कहा कि तकनीक के विकास से रिश्तों में बदलाव आ रहा है और इस बदलाव के साथ मानवता के गुण बनाए रखने की जरूरत है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Sat, 09 Nov 2024 09:44:04 PM (IST)
Updated Date: Sat, 09 Nov 2024 10:07:15 PM (IST)
HighLights
- आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस पर BJP सांसद बयान सुर्खियों में
- सांसद ने भविष्य में ऑनलाइन बच्चों के जन्म की बात की
- MP जनार्दन मिश्रा ने कहा कि कॉलेज प्राचार्य भी एआई होंगे
नईदुनिया प्रतिनिधि, रीवा। बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का भाषण एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के हीरक जयंती समारोह में एआई के प्रभाव पर बोलते हुए सांसद ने कहा कि, आज से 50-60 साल बाद बच्चे भी ऑनलाइन पैदा होंगे। तकनीक के विकास से रिश्तों में बदलाव आ रहा है और इस बदलाव के साथ मानवता के गुण बनाए रखने की जरूरत है।
सांसद ने कहा कि आजकल ऑनलाइन शादियां हो रही हैं, लोगों में आपसी प्यार खत्म हो गया है, लोग मोबाइल में बाते करते हुए आहें भरते हैं। बच्चे भी ऑनलाइन ही पैदा होंगे। मिश्रा ने आगे कहा कि, एआई का जमाना आ गया है, क्या पता कॉलेजों के प्राचार्य भी एआई, रोबोट ही हों।
मानवीय गुण बरकरार रखने की बात कही
समारोह में सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि आज का दिन रीवा के लिए बहुत गौरव का दिन है। विज्ञान के तेजी से विकास के साथ मानव और मानवीय गुणों पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। हम आधुनिक सूचना तकनीक का इतना अधिक उपयोग करने लगे हैं कि आपसी संबंधों में भी तनाव उत्पन्न हो गया है। सूचना तकनीक का ऐसा विकास हो तमाम सुविधाओं के साथ ही मानव के संस्कार और मानवीय गुण बरकरार रहें।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला समेत कई बीजेपी नेता मौजूद थे। राज्यपाल ने कहा कि इंजीनियरिंग दुनिया को बेहतर बनाने की कला है। शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अधोसंरचना विकास में इंजीनियरों का बहुत बड़ा योगदान है। मानव को शिक्षा ही समर्थ और संस्कारवान बनाती है।
पथरीली उजाड़ पहाड़ी में सौर ऊर्जा संयंत्र
समारोह में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि इंजीनियरिंग हर तरह के विकास का मूल है। रीवा में विकास के कई बड़े कार्य हुए हैं। इन सबमें इंजीनियरों का सर्वाधिक योगदान रहा है। यह इंजीनियरिंग का ही चमत्कार है कि गुढ़ की पथरीली उजाड़ पहाड़ी में 750 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र सफलता की गाथा कह रहा है।इंजीनियरिंग कालेज के पूर्व छात्र मिलकर कालेज के विकास का रोडमैप बनाएंगे और इसे देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थान के रूप में विकसित करेंगे।
परंपरा को समाहित करके बनाई नई शिक्षा नीति
समारोह में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही ज्ञान, विज्ञान, आध्यात्म और दर्शन की परंपरा रही है। इसी ज्ञान परंपरा को समाहित करके नई शिक्षा नीति बनाई गई है। हमारे देश में आज भी हजारों साल पुराने स्मारक स्थापत्य और विज्ञान की सफलता की कहानी कहते हुए विद्यमान हैं।
भारत के एक इंजीनियर ने 13वीं शताब्दी में चीन में बीजिंग शहर और दुनिया के सबसे बड़े मंदिर कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर की डिजाइन बनाई थी। सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा और अक्षय स्रोत है। इसीलिए हमारे देश में सूर्य की पूजा की जाती है। मंत्री परमार ने कहा कि रीवा इंजीनियरिंग कालेज के विकास के संबंध में जो प्रस्ताव मिले हैं उन पर दिसम्बर माह में आयोजित बैठक में निर्णय लिए जाएंगे।
एएस पिल्लई को सम्मानित किया गया
समारोह में ब्रम्होस मिसाइल निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पद्मभूषण तथा पद्म विभूषण इंजीनियर एएस पिल्लई को भी सम्मानित किया गया। समारोह में एलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा एनटीपीसी के पूर्व चेयरमैन श्री आरएस शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया। कालेज के प्राचार्य बीके अग्रवाल ने 60 वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी दी। समारोह में राज्यपाल ने कालेज की स्मारिका के प्रथम पृष्ठ का डिजिटल विमोचन किया। समारोह में राज्यपाल तथा अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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