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मधुमक्खियों के काटने से पूर्व पार्षद की मौत: किस मधुमक्खी का डंक जानलेवा, किसमें कितना जहर; जानिए, क्या इलाज कराएं – Bhopal News

छतरपुर में 7 अक्टूबर को मधुमक्खियों के काटने से 65 वर्षीय पूर्व पार्षद संतावन सिंह की मौत हो गई थी।

छतरपुर में बीती 7 अक्टूबर को मधुमक्खियों के काटने से 65 वर्षीय पूर्व पार्षद की मौत हो गई थी। वे जेसीबी की मदद से खेत पर काम करवा रहे थे। जेसीबी एक पेड़ से टकरा गई और मधुमक्खियाें ने लोगों पर हमला कर दिया। पूर्व पार्षद संतावन सिंह घोष मूंगफली की फसल क

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मधुमक्खियों के हमले से मौत के ऐसे मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। आखिर मधुमक्खियों के डंक में ऐसा कौन सा केमिकल है, जो जानलेवा है। दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट से बातचीत करके ऐसे कई सवालों के जवाब जाने। पढ़िए रिपोर्ट…

सबसे पहले मधुमक्खियों की प्रजातियां जान लीजिए…

मधुमक्खियों के ​​​​​​काटने से कौन सा पॉइजन फैलता है शोध संस्थान ‘साइंस डायरेक्ट’ के मुताबिक, मधुमक्खियों के डंक में मेलिटिन पॉइजन होता है, जो प्रोटीन से बना है। यह शरीर में दर्द, सूजन और जलन पैदा करता है। अगर व्यक्ति को एलर्जी हो तो एनाफिलेक्टिक शॉक का कारण बन सकता है। यह जानलेवा साबित होता है।

कितना खतरनाक है मेलिटिन पॉइजन मेलिटिन अधिकतर मामलों में हल्की परेशानी का कारण बनता है, जैसे- दर्द, सूजन और लाल चकत्ते। हालांकि, जिन लोगों को मधुमक्खी के डंक से एलर्जी होती है, उनके लिए यह गंभीर समस्या बन सकती है। एक मधुमक्खी का डंक आमतौर पर खतरनाक नहीं होता लेकिन कई मधुमक्खियां डंक मारे तो गंभीर स्थिति बन सकती है।

एक बार में कितने लोगों को डंक मार सकती है मधुमक्खियां एक बार में एक ही व्यक्ति को डंक मार सकती हैं, क्योंकि डंक मारने के बाद उनका विष समाप्त हो जाता है और वे अक्सर मर जाती हैं। मधुमक्खियां करीब 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकती हैं।

हमले के दौरान बचने के तरीके डॉ. अतुल सेठा ने बताया कि मधुमक्खियों के काटने पर कई बार सांस रुकने जैसी समस्या होती है तो उसे कंसीव करने की दवा देते हैं। स्टेरॉयड्स भी ले सकते हैं लेकिन गंभीर समस्या होने पर चिकित्सीय सलाह लेना चाहिए।

  • अंधेरे की ओर भागें: मधुमक्खियां अंधेरे में नहीं जाती हैं इसलिए सुरक्षित स्थान पर जाएं।
  • चेहरे को ढकें: अगर संभव हो तो चेहरे को कपड़े से ढकें।
  • पानी में प्रवेश करें: अगर नजदीक पानी है तो उसमें जाकर छिप सकते हैं।
  • छत्ते से दूर रहें: यदि किसी स्थान पर मधुमक्खियां जमा हैं तो वहां जाने से बचें।

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