विदिशा में 68वीं राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1473 खिलाड़ी शामिल हुए हैं। खेल स्टेडियम में प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है।
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सोमवार की रात साढ़े ग्यारह बजे कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने खेल स्टेडियम पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। खिलाड़ियों को दिए जाने वाले खाने की व्यवस्था और उसकी गुणवत्ता की जांच की। कलेक्टर ने रुकने, खाने पीने और प्रतियोगिता को लेकर खिलाड़ियों से चर्चा की और व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
डिजिटल स्कोर को लेकर विवाद आया था सामने प्रतियोगिता के दौरान डिजिटल स्कोर को लेकर विवाद और पीएसएस सिस्टम के सही से काम नहीं करने के मामले सामने आए थे। कलेक्टर ने प्रतियोगिता में चल रहे मैच को देखा और पी एस एस सिस्टम यानी की प्रोटेक्टिव स्कोरिंग सिस्टम सेंसर सिस्टम की भी जानकारी ली वह किस तरह से काम करती है। बताया गया कि विदिशा में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक की तर्ज पर कई तकनीकों का एक साथ इस्तेमाल किया जा रहा है।
खिलाड़ियों के मोजों में सेंसर पेरिस ओलंपिक में इस कनीक का इस्तेमाल किया गया था। मैच के दौरान खिलाड़ियों के मोजों में सेंसर लगे हुए हैं। इसके अलावा खिलाड़ियों के के हेडगार्ड और चेस्ट गाई पर भी सेंसर लगाए गए हैं। मुकाबला के दौरान जब खिलाड़ी सामने वाले खिलाड़ी को हिट करता है तो सेंसर तुरंत ही उतने नंबर दे देता है ।
कलेक्टर बोले- यह गर्व का विषय कलेक्टर ने बताया कि विदिशा में राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है यह गर्व का विषय है , देश की अलग अलग राज्यों से खिलाड़ी विदिशा आए हैं । उनके रुकने ,खाने पीने और तमाम व्यवस्थाएं की गई है। खिलाड़ियों से चर्चा की गई तो उन्होंने रहने और खाने पीने के संबंध में जब उनसे चर्चा की गई तो उन्होंने संतुष्टि जाहिर की है।
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