मध्यप्रदेश ने मसाला फसलों के उत्पादन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पिछले 4 सालों में 2 लाख 16 हजार मिट्रिक टन मसाला फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है। मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने किसानों को बधाई दी है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Wed, 13 Nov 2024 05:36:49 PM (IST)
Updated Date: Wed, 13 Nov 2024 05:43:18 PM (IST)
HighLights
- मसाला फसलों के उत्पादन में मप्र को पहला स्थान
- 2023-24 में रिकॉर्ड 54 लाख टन से अधिक उत्पादन
- मिर्च के उत्पादन में मध्य प्रदेश को मिला दूसरा स्थान
भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों ने मसाला फसलों के उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 2023-24 में रिकॉर्ड 54 लाख टन से अधिक मसालों के उत्पादन के साथ प्रदेश ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने इस उपलब्धि पर प्रदेश के किसानों को बधाई दी है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय किसानों की मेहनत और लगन को दिया गया है।
कृषि को लाभकारी बनाने के उपाय
प्रदेश के किसानों ने पिछले 4 सालों में 2 लाख 16 हजार मिट्रिक टन मसाला फसलों के उत्पादन में वृद्धि की है। मिर्च के उत्पादन में दूसरा स्थान मिला है। मंत्री कुशवाह ने कहा कि किसानों के लिए यह आवश्यक है कि वे पारंपरिक कृषि फसलों के साथ-साथ कैश क्रॉप्स जैसे धनिया, हल्दी, मिर्च, अदरक, लहसुन और जीरा भी उगाएं। इन मसाला फसलों का उत्पादन अल्प समय में किया जा सकता है और बाजार में अच्छे दाम भी मिलते हैं। यह फसलें किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकती हैं।
” #मध्यप्रदेश के किसानों ने मसाला फसलों के उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 2023-24 में रिकॉर्ड 54 लाख टन से अधिक मसालों का उत्पादन प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में एक अहम कदम है। किसानों को हार्दिक बधाई”
– उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री @Narayan4bjp_ pic.twitter.com/hsxokVVn6z
— Department of Horticulture, Govt of MP (@horticulturemp) November 13, 2024
फ्लोरीकल्चर और फलोद्यान अपनाने की सलाह
मंत्री ने किसानों को मसाला फसलों के साथ-साथ फलोद्यान और फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) को भी अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भी किसानों को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा अनुदान और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। इसके अलावा, शासकीय नर्सरियों से उत्तम गुणवत्ता के बीज और पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
फसलों के संरक्षण के लिए योजनाएं
कुशवाह ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी किसानों को मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस और भंडारण सुविधाओं के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को अनुदान, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे वे फसलों के संरक्षण और भंडारण में सक्षम हो सकें।
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