बुधवार को धार में मधुमेह दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयाेजन किया गया। इस दौरान डॉ. अशोक जैन ने लोगाें से रोग और उसके उपचार से संबंधित जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि मधुमेह यानी रक्त में ग्लूकोज की अधिकता शरीर में इन्सुलिन नामक हार्मोन की कमी या इन्सुलिन की कार्यक्षमता में कमी की वजह से होती है। गांव हो या शहर, इसके लिए बिगड़ी हुई जीवन शैली जिम्मेदार है। इसकी वजह से रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है और व्यक्ति को मधुमेह होता है।
जंक फूड से खतरा
डॉ. जैन ने बताया कि मधुमेह के बाद होने वाली कई जटिलता जैसे ह्रदय की कमजोरी, लकवा, अंधत्व, और किडनी की समस्या सामने आती हैं। पहले गांव की तुलना में शहरों में शारीरिक श्रम की कमी और भोजन की प्रचुरता की वजह से मधुमेह को संपन्न वर्ग तथा शहरों की बीमारी कहा जाता था। किन्तु अब बदलती परिस्थितियों में गांवों में भी रिस्क फैक्टर्स बढ़ते ही जा रहे हैं।
गांव की परिवर्तित जीवन शैली और तेजी से बदलता कल्चर भी इसके लिए कुछ हद तक जिम्मेदार है। इसमें मोबाइल का बढ़ता उपयोग, चिप्स, कुरकुरे, मैगी, कोल्ड ड्रिंक व अन्य जंक फूड का सेवन, और मिलावटी घी, तेल और खाद्य पदार्थों के दुष्प्रभाव भी गांव के बच्चों तक पहुंच चुके हैं।
गांव के बच्चों को शिक्षा के लिए शहर जाना होता है। वहां अंचल के बच्चे में असमय भोजन और खेल गतिविधियों का अभाव तथा जंक फूड से काम चलाने की प्रवृत्ति ने मधुमेह और मोटापे की समस्या को बढ़ाया है।
इसके अलावा बाइक के उपयोग ने पैदल चलने की आदत को भी कम कर दिया है। गांव के बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में बढ़ता मानसिक तनाव भी एक अन्य कारक है।इस अवसर पर मधुमेह शिक्षा संबंधी पुस्तिका भी वितरित की गई।
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