भोपाल में डिजिटल हाउस अरेस्ट किए गए प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर के 6 घंटे दहशत में बीते। साइबर क्रिमिनल्स ने उन्हें उनके मोबाइल नंबर का मुंबई में मिसयूज होने की जानकारी दी। मुंबई में इन दिनों शाहरुख, सलमान खान और दूसरी बड़ी हस्तियों को गैंगस्टर
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प्रमोद कुमार बजरिया इलाके में गायत्री नगर में रहते हैं। मंगलवार शाम ड्यूटी से घर लौटे। उनके मोबाइल पर अंजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) का अधिकारी बताया। यह भी कहा कि उनके नंबर का इस्तेमाल अवैध ट्रांजेक्शन में हुआ है। उन्हें गिरफ्तारी की धमकी दी। नंबर बंद नहीं करने की हिदायत देकर पूछताछ के लिए दोबारा कॉल करने की बात कहकर कॉल काट दिया।
साइबर क्रिमिनल्स ने कैसे प्रमोद को दबाव में लिया, उन्हीं से जानते हैं…
मोबाइल में किसका कॉल आ रहा, यह तक उन्हें पता था कुछ ही देर में दूसरे नंबर से कॉल आया। इस बार कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कहा कि आपके नंबर से अलग-अलग लोगों को कॉल कर फिरौती मांगी जा रही है। आपकी गिरफ्तारी की जाएगी। मेरे घर का एड्रेस मुझ से कन्फर्म कराया। मेरे मोबाइल पर आ रहीं वेटिंग कॉल के बारे में पूछा- कौन कॉल कर रहा है। उन्होंने कॉल करने वाले का नाम भी बताया। मैं घबरा चुका था कि मेरे मोबाइल पर आने वाले कॉल को भी पुलिस देख रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने मेरे मोबाइल फोन में मौजूद दूसरी चीजों के बारे में भी मुझे बताया।
आरोपी बोले- गिरफ्तारी से बचना है, तो निगरानी में रहो घबराहट में मैंने अपने तमाम यूपीआई ऐप डिलीट कर दिए। हांथ – पैर कांपने लगे थे, दिल की धड़कनें बेहद तेज थीं। इतने में एक आरोपी ने बताया कि आप गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो डिजिटल निगरानी में रहना होगा। भले आदमी लग रहे हो, इसलिए हम आपके केस की पूरी जांच करेंगे। इसके बाद ही तय होगा कि आगे आपका क्या करना है। वर्दी पहने एक आरोपी ने बताया कि आपको केस से बचने के लिए कुछ खर्च करना होगा। यह सुन मैंने रात 11.30 बजे कॉल को डिस्कनेक्ट कर दिया। इसके बाद मैंने आरोपियों के कॉल को पिक नहीं किया। उन्होंने वॉट्सऐप पर दो और कॉल किए।
पुलिस ने हिम्मत दी, तब दोपहर 3 बजे घर से बाहर निकला सुबह मेरे साथियों के कॉल आए। मैंने रिस्पॉन्स नहीं किया, क्योंकि मुझे डर था कि कहीं मेरी वजह से उन लोगों को परेशानी न हो। मुझे कॉल करने वालों को भी पुलिस तंग न करने लगे। सुबह 11.30 बजे मेरे बॉस प्रवीन ने घर आकर मुझे आवाज दी। कई बार आवाज देने के बाद मैं हिम्मत जुटाकर घर से बाहर निकला। उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया। तब उन्होंने क्राइम ब्रांच को सूचना दी। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने घर आकर मेरी काउंसिलिंग की। हिम्मत दिलाई के आपके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं है। इस तरह साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठगते हैं। तब मुझे भरोसा हुआ। दोपहर 3 बजे मैं घर से बाहर निकला।
(जैसा इंजीनियर प्रमोद कुमार ने दैनिक भास्कर को बताया)
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने इंजीनियर प्रमोद (राइट) की काउंसिलिंग की, तब वे रिलेक्स हुए।
अधिकारी बनकर अलग-अलग आरोपियों ने पूछताछ की प्रमोद के मुताबिक वीडियो कॉल करने वालों में एक की वर्दी पर थ्री स्टार, दो आरोपियों की वर्दी पर एक्स के निशान के साथ अलग-अलग सितारे थे। एक ने खुद को एसपी, दूसरे ने डीआईजी बताया। दोनों ने बारी-बारी डेढ़-डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। इससे पहले ढाई घंटे तक थ्री स्टार वाले ने पूछताछ की। खुद को ईओडब्ल्यू का अधिकारी बताने वाले ने भी आधे घंटे पूछताछ की। प्रमोद कहते हैं मैं अवेयर रहता हूं। खुद टेक्निकल फील्ड से होने की वजह से दोस्तों को साइबर ठगों से बचने के तरीके बताता हूं। लेकिन, आरोपियों के बातचीत के तरीके और मेरे मोबाइल में पर्सनल जानकारी उन्हें थी, इससे घबरा गया था। लगा ही नहीं कि मैं किसी फ्रॉड से बात कर रहा हूं। वे लगातार थर्ड डिग्री देने की भी बात कर रहे थे। प्रोफेशनल ढंग से निर्देश दे रहे थे।
पुलिस कमिश्नर हरीनारायण चारी मिश्रा ने कहा-
आईपी ए्ड्रेस के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। फरियादी (प्रमोद) भी टेक्निकल जानकारी रखते हैं। उनकी सजगता के कारण भी पूरी वारदात टली है। डरे-सहमे होने के बाद भी उन्होंने आरोपियों के खाते में रकम ट्रांसफर नहीं की। आरोपी लगातार 3.50 लाख रुपए ट्रांसफर करने का दबाव बना रहे थे।
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टेलीकॉम इंजीनियर को घर में 6 घंटे कैद रखा
भोपाल में 4 दिन के अंदर डिजिटल हाउस अरेस्ट की दूसरी घटना सामने आई है। साइबर क्रिमिनल्स ने टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर को 6 घंटे तक उनके ही घर में डिजिटली कैद रखा। उन्हें डराया और धमकाकर एक कमरे में निगरानी में रखा गया। पूरी खबर पढ़िए
भोपाल में दुबई के बिजनेसमैन को डिजिटल अरेस्ट से छुड़ाया
कारोबारी विवेक ओबेरॉय (नीली शर्ट में) को ठग मोबाइल और लैपटॉप पर वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट किए हुए थे।
9 नवंबर को भी भोपाल में डिजिटल हाउस अरेस्ट काे छुड़ाया गया था। भोपाल में दुबई के बिजनेसमैन विवेक ओबेरॉय (50) को साइबर क्रिमिनल ने खुद को पुलिस बताकर 7 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट कर रखा था। दोनों आरोपी उनसे पैसे ऐंठ पाते, इतने में कारोबारी के कमरे में सीधे साइबर पुलिस आ गई। विवेक भोपाल की अरेरा कॉलोनी में रहते हैं। पूरी खबर पढ़िए
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