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MP Tourist Place: कम पहचान वाले 50 नए पर्यटन स्थल विकसित कर रहा एमपी टूरिज्म

प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की भीड़ से अलग एकांत और शांति की तलाश वाले पर्यटकों(Tourist Place in MP) को मिलेगा विकल्प। ये ऐसे स्थल हैं जो पर्यटन के प्रसिद्ध केंद्रों के आसपास ही हैं, लेकिन अधिकतर लोगों को पता ही नहीं हैं।

By Prashant Pandey

Publish Date: Thu, 14 Nov 2024 06:50:00 AM (IST)

Updated Date: Thu, 14 Nov 2024 08:10:43 AM (IST)

भोपाल के समीप ग्राम केकड़िया के शैल चित्रों को पर्यटन के मानचित्र में लाया जा रहा है।

HighLights

  1. एमपी में खजुराहो का रनेह वाटरफाल।
  2. भोजपुर के पास आशापुरी मंदिर समूह।
  3. पचमढ़ी के पास तामिया और देवगढ़।

सुशील पांडेय, नवदुनिया, भोपाल(MP Tourist Place)। देशी-विदेशी पर्यटकों को देश के हृदय मध्य प्रदेश में कुछ अनदेखा दिखाने की तैयारी हो रही है। मध्य प्रदेश पर्यटन मंडल ने 50 ऐसे ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थलों को चिह्नित किया है जो पर्यटकों के लिए नया आकर्षण साबित हो सकते हैं। इन स्थलों को अब विकसित किया जा रहा है।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो अपारंपरिक पर्यटन स्थल विकसित किए जाने हैं, उनमें से अधिकतर प्रमुख पर्यटन स्थलों के आसपास ही हैं। हालांकि सुविधाओं की कमी और जानकारी नहीं होने के कारण पर्यटक उस ओर नहीं जाते।

जिन नए स्थलों को चिह्नित किया गया है, उनमें खजुराहो के पास रनेह वाटरफाल, भोजपुर के पास आशापुरी मंदिर समूह, पचमढ़ी के पास तामिया और देवगढ़, गांधी सागर के पास चतुर्भुज नाला प्रमुख हैं।

घरेलू पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद

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पर्यटकों को कुछ नया अनुभव देने के लिए प्रदेश के बड़े शहरों के आसपास भी ऐसे स्थलों का चयन किया गया है। भोपाल में खारीगांव, केकड़िया, जगदीशपुर, जबलपुर में मदन महल और नर्मदा के किनारे के स्थलों, ग्वालियर में मितावली- पड़ावली के मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर और दमोह में सिंग्रामपुर (रानी दुर्गावती व गोंड राजाओं का शासन केंद्र) में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जानी हैं। बता दें, मध्य प्रदेश में हर वर्ष ढाई से तीन करोड़ पर्यटक आते हैं। नया आकर्षण जुड़ जाने से घरेलू पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

ये स्थल भी किए जा रहे विकसित

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लांझी का किला- बालाघाट, सिंधिया की छतरियां- शिवपुरी, काला ताजमहल, असीरगढ़ का किला और बुरहानपुर का किला- बुरहानपुर, मितावली, पड़ावली, तेली का मंदिर, सहस्त्रबाहु मंदिर- ग्वालियर, ककनमठ मंदिर- मुरैना, पशुपतिनाथ व धर्मराजेश्वर मंदिर- मंदसौर, पातालकोट और तामिया (प्राकृतिक स्थल)- छिंदवाड़ा, सोनागिरी जैन मंदिर और दतिया का किला- दतिया, मोतीमहल- मंडला, मदन महल- जबलपुर, बहुति झरना, क्योटी जलप्रपात, भीमकुंड- रीवा, जटाशंकर, नजारा व्यू प्लाइंट, निदान कुंड और सद्भावना शिखर- दमोह।

होम स्टे बनाए जा रहे हैं

50 अपारंपरिक पर्यटन स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड अपनी गतिविधियां चला रहा है। महिला पर्यटकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ग्रामीण होम स्टे बनाए जा रहे हैं। हेरिटेज वाक और सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। जल्द ही ये स्थल प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की श्रेणी में आ जाएंगे। – बिदिशा मुखर्जी, अतिरिक्त प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड

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