मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में ठंड का असर बढ़ेगा। यहां रात का टेम्प्रेचर 2 डिग्री तक लुढ़क सकता है। वहीं, ग्वालियर, भिंड और निवाड़ी में मध्यम कोहरा रहेगा। ऐसा मौसम 20 नवंबर तक बना रहेगा। भोपाल, इंदौर-जबलपुर में भी सर्दी बढ़ेगी, जबकि
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पिछले 3 दिन से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा है। इसकी वजह उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर कम होना है। वहीं, पहाड़ों में जेटस्ट्रीम हवाओं का चलना है। ये हवाएं प्रदेश के उत्तरी हिस्से में भी आ रही है। इस वजह से शुक्रवार से मौसम में बदलाव देखने को मिला है, जो अगले कुछ दिन और बना रहेगा।
कोहरे का असर होगा तेज प्रदेश में कोहरा भी छा रहा है। भोपाल समेत कई शहरों में शुक्रवार सुबह कोहरा रहा। शनिवार सुबह ग्वालियर, भिंड और निवाड़ी में मध्यम कोहरे का असर देखने को मिल सकता है।
पहाड़ों में बर्फबारी से और तापमान गिरावट होगी सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, हवा का रुख जब उत्तर-पश्चिमी हो जाएगा और पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, तब तापमान में और गिरावट होगी। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के असर से ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडा रहेगा। शनिवार से सुबह-शाम धुंध भी बढ़ेगी। हवाओं का असर इन्हीं संभागों में सबसे पहले होता है।
पचमढ़ी सबसे ठंडा, पारा 10.2 डिग्री पचमढ़ी प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है, जो पहाड़ और हरियाली से घिरा है। इस वजह से यहां दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। पिछली दो रातों से यहां 8.8 और 9.6 डिग्री तापमान रहा। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार को पारा 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पचमढ़ी के अलावा अमरकंटक, शहडोल, मंडला, नौगांव, उमरिया, बालाघाट, छिंदवाड़ा, रीवा, रायसेन, राजगढ़, बैतूल, खंडवा, खरगोन, खजुराहो और टीकमगढ़ ऐसे शहर हैं, जहां रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे हैं। पचमढ़ी, अमरकंटक-शहडोल सबसे ठंडे हैं।
बड़े शहरों में भोपाल और जबलपुर सबसे ठंडे हैं। गुरुवार-शुक्रवार की रात में भोपाल में 12.8 डिग्री और जबलपुर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर में 15.6 डिग्री, ग्वालियर-उज्जैन में 15.5 डिग्री रहा।
नवंबर में इसलिए ऐसा मौसम मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेटस्ट्रीम हवाएं चल रही है। वहीं, दक्षिणी हिस्से में एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम एक्टिव है। जेटस्ट्रीम हवाओं की रफ्तार तेज होने से प्रदेश में इसका असर रहेगा।
नवंबर में ऐसा ही रहता है ट्रेंड नवंबर में पिछले 10 साल जैसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। दिन गर्म है और रातें ठंडी। हालांकि, 15-16 नवंबर से पारे में ज्यादा गिरावट देखने को मिलती है। 20 से 25 नवंबर के बीच कई शहरों में रात का टेम्प्रेचर 10 डिग्री के नीचे पहुंच जाता है।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
- रात के पारे में और गिरावट होने का अनुमान है। अधिकांश शहरों में पारा 15 डिग्री से नीचे पहुंच सकता है। अभी पचमढ़ी, शाजापुर, मंडला, शहडोल और अमरकंटक में ही पारा सबसे कम है
- दिन के तापमान में 2 डिग्री तक पारे में गिरावट होगी, लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है।
- आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश होने का अनुमान है।
अब जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों में ट्रेंड…
भोपाल में गर्मी, ठंड और सर्दी का ट्रेंड नवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।
इंदौर में ठंड का असर इंदौर में ठंड का असर रहता है। खासकर नवंबर के दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है।
नवंबर में सबसे सर्द रहता है ग्वालियर पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 6 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है। जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है।
जबलपुर में 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिश जबलपुर में पिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है।
उज्जैन में न्यूनतम तापमान 10-11° के बीच रहता है यहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है। जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।
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https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Fbhopal%2Fnews%2Fcold-will-increase-in-gwalior-chambal-mercury-will-drop-by-2-133967803.html
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