निजी स्कूल संचालक फर्रुख अंजुम खान को डिजिटल अरेस्ट करने का मामला सामने आया है।
भोपाल एक निजी स्कूल के संचालक को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 24 घंटे तक बेडरूम में बंधक बनाकर रखा गया। जालसाजों ने उन्हें डीएचएल कंपनी का कर्मचारी बनकर कॉल किया था। बताया कि आपका बैंकॉक जाने वाला पार्सल पकड़ा गया है। आपके आधार कार्ड के साथ टाइगर स्किन, ने
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स्कूल संचालक ने खुद को निर्दोष बताया। इस पर जालसाजों ने जांच के नाम पर उन्हें एक कमरे में रहने की हिदायत दी। 24 घंटे तक उन्हें सर्विलांस पर रखा गया। बेडरूम में बंधक बनाकर रखा गया। पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल में कर दी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कॉल आया, कहा-बैंकॉक भेजा गया पॉर्सल फंस गया
कोहेफिजा इलाके की हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी में रहने वाले निजी स्कूल संचालक फर्रुख अंजुम खान (59) के पास शनिवार दोपहर 1:38 बजे कॉल आया। कॉलर ने अपने आपको डीएचएल पार्सल कंपनी का कर्मचारी बताया। कहा- आपने जो पार्सल बैंकाक भेजा था, वह कस्टम में फंसा हुआ है। इसके बाद फर्रूख ने कहा कि उन्होंने तो कोई कोई पार्सल भेजा ही नहीं है। इस पर जालसाज ने कहा कि आपका आधार कार्ड लगा है, आप हमारे अधिकारी से बात कर लीजिए। इसके बाद फर्रुख का उनका पूरा नाम बताया गया।
जालसाजों से फर्रुख ने कहा- मैं बैंकाक में किसी को जानता भी नहीं हूं। जवाब मिला कि सर कस्टम वालों ने चेक किया तो पार्सल में टाइगर स्किन और नेल्स हैं। 18 पासपोर्ट हैं, और 8 एटीएम कार्ड हैं। फर्रुख के लगातार मना करने पर जालसाज ने कहा कि ठीक है तो आप साइबर सेल में उसकी कम्प्लेंट जरूर कर दीजिएगा, नहीं तो पूरा मामला आपके ऊपर आ जाएगा।
ऐसे बनाया गया पति-पत्नी को बंधक
इसके बाद जालसाज ने साइबर सेल दिल्ली को काॅल कनेक्ट करने का कहकर एक अन्य से बात कराई। उन्होंने फर्रुख से ऑनलाइन आने का कहकर लैपटॉप खुलवा लिया। इसके बाद स्काइप डाउनलोड करवाकर लाइव जोड़ लिया। जब वीडियो पर वर्दी में बैठे जालसाजों के पीछे का बैकग्राउंड का नजारा ऐसा था, मानो वह दिल्ली साइबर सेल का दफ्तर है।
आधार नंबर सात राज्य में मिसयूज होना बताया
जालसाजों ने लैपटाॅप के कैमरे को 360 डिग्री घुमवाकर उनके रूम के सभी एग्जिट और एंट्रेंस देख लिए और फर्रूख और उनकी पत्नी को सामने बैठाकर पूछताछ करने लगे। इसके बाद उनके आधार नंबर से अन्य क्राइम डिटेल और फरियादी का रिकॉर्ड चेक करने की बात कही। इसके बाद एक आरोपी ने बताया कि आपके आधार नंबर का इस्तेमाल 7 राज्यों में किया जा रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर वन्य प्राणियों के अवशेषों की तस्करी तक में इस आधार का इस्तेमाल किया गया है।
इस आधार से बैंकाॅक पहले भी कई पार्सल भेजे जा चुके हैं। कई राज्यों की पुलिस को आपकी तलाश है। हम आपको भला आदमी समझ रहे थे, आप तस्कर निकले। इस पर फरियादी ने अपना पक्ष रखा। तब जालसाजों ने जांच के नाम पर उन्हें 24 घंटे सर्विलांस पर रहने की बात कही। आदेश दिया कि जब तक जांच चलेगी आप कहीं नहीं जाओगे। अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करोगे।
बैंक खातों के संबंध में सवाल जवाब किए
ना किसी को फोन करने दिया ना किसी का काल लेने दिया। वहीं, डिजिटल अरेस्ट के दौरान फर्रुख को जमकर डराया धमकाया गया। बैंक खातों को मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़कर सवाल जवाब किए गए। कहा गया कि उनके खातों में मिलियंस का ट्रांजैक्शन हुआ है। आपका आधार 8 से 10 स्टेट्स में एक्टिव है। फर्रुख को तीन महीने तक कैद किया जाएगा। उनसे बोला गया कि अगर इससे बचना चाहते हो तो अपने सभी खातों की डिटेल दे दो हम उनको एक्जामिन करके केस बनाएंगे। अगर एक भी खाता की जानकारी छुपाई तो आप पर सख्त कार्रवाई होगी।
समझदारी से ठगी का शिकार होने से बचे
हमारे पास आपके 5-6 खातों की जानकारी हैं। बाकी खातों की जानकारी भी दे दो। फर्रुख उनके सभी सवालों के जवाब देते रहे और उनकी निगरानी में भी रहे। हालांकि समझदारी दिखाते हुए उन्होंने अपने खातों के नंबर बदलकर दिए।
वॉशरूम के लिए उठे तो जालसाजों ने फटकारा
फर्रुख बताते हैं कि उनकी इतनी सख्त निगरानी की गई थी कि रात में तीन बजे जब वो थोड़ी देर के लिए कैमरे के सामने से हटे तो उनके पास जालसाज का फोन आ गया कि आप कहा चले गए दिखाई क्यों नहीं दे रहे हो। इसी के साथ उन्हें जमकर फटकार लगाई गई।
ऐसे ठगी का शिकार होने से बचे
रविवार दोपहर करीब 2 बजे जब फर्रुख वाशरूम गए और उन्होंने एक अन्य मोबाइल को खोला। यह जालसाजों की नजर में नहीं था। उन्होंने इस मोबाइल से साइबर फ्रॉड के संबंध में गूगल पर सर्च किया। तब उन्हें एक न्यूज दिखाई दी। जिसमें डिजिटल अरेस्ट की खबर थी। वॉशरूम से निकलते ही फर्रुख ने अपनी पत्नी को सबकुछ बताया और फिर उन्होंने लैपटाप और नेट बंद कर दिया।
लैपटाॅप और नेट बंद करते ही फर्रुख भोपाल साइबर सेल के ऑफिस पहुंचे। तब पुलिस ने दोबारा जालसाजों से कनेक्ट होने की बात कही। फर्रुख फिर से जालसाजों से कनेक्ट हुए। दोबारा कनेक्ट होने पर जालसाज ने फर्रुख को जमकर फटकार लगाई। इस बीच भोपाल साइबर सेल के अधिकारी जालसाज के सामने आ गए। इसके बाद आरोपियों ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
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