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इंदौर के गीता भवन में व्याख्यान: अशांति, भ्रष्टाचार और पापाचार इसलिए है क्योंकि हम कर्म की बजाय करते हैं अध्यात्म का दिखावा- ब्रज परिकरी देवी – Indore News

हम अपने मन से तो संसार का काम कर रहे है और इंद्रियों से भगवान का, जबकि इंद्रियों से संसार का काम करना चाहिए और मन से भगवान का, लेकिन हम सब कुछ उलट-पुलट कर रहे हैं। भौतिकवाद के आधिक्य से चारों और अशांति बढ़ रही है, जबकि अध्यात्मवाद भी बहुत प्रभावी संख

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ये दिव्य विचार हैं जगदगुरु कृपालुजी महाराज की प्रचारिका ब्रज परिकरी देवी के, जो उन्होंने गीता भवन में गो लोक धाम ट्रस्ट मुंबई के तत्वावधान में आयोजित व्याख्यान में तीसरे दिन सोमवार को व्यक्त किए। उनका व्याख्यान सुनने के लिए सोमवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। उनके प्रवचनों की यह श्रृंखला भौतिकवाद एवं अध्यात्मवाद के समन्वय पर आधारित है, जो 24 नवंबर तक प्रतिदिन सांय 7 से 9 बजे तक गीता भवन सत्संग सभागृह में चलेगी।

व्याख्यान सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी आ रही हैं।

इंद्रियों पर होता है मन का शासन

ब्रज परिकरी देवी ने कहा कि हमारे शरीर की पांच इंद्रियां जैसे आंख, नाक, कान बाहर दिखाई देती हैं, लेकिन इनकी शक्ति मन में रहती है अर्थात मन ही इन पर शासन करता है। हम जब सोते हैं और सपना देखते हैं तो हमको अपने सभी इंद्रिय कार्य होते महसूस होते हैं, जबकि स्वप्न में इंद्रियां नहीं, बल्कि मन कार्य करता है। इससे यह साबित होता है कि करता केवल मन ही होता है। मन जैसा चाहेगा, हमारी इंद्रियां वैसे ही काम करेगी। मन ही सबसे बड़ा प्रशासक होता है। इंद्रियां तो केवल प्रदर्शन मात्र के लिए है। असली नियंत्रक मन होता है।

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https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Findore%2Fnews%2Fthere-is-unrest-corruption-and-sin-because-we-pretend-to-be-spiritual-instead-of-doing-work-braj-parikri-devi-133980171.html
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