रिसर्चर्स का कहना है कि पृथ्वी पर जीवन का संकेत देने वाला प्रमुख रंग हरा है क्योंकि पौधे और बैक्टीरिया हरे क्लोरोफिल की मदद से सूर्य के प्रकाश को ऊर्जा में बदलते हैं। लेकिन किसी और ग्रह के संदर्भ में यह बिलकुल अलग होगा, क्योंकि वहां पौधे नहीं होंगे। वहां सूर्य की रोशनी नहीं होगी और ऑक्सीजन की भी कमी हो सकती है।
रिसर्च के दौरान कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञानियों ने विभिन्न बैक्टीरिया डेवलप किए। फिर बैक्टीरिया द्वारा रिफ्लेक्ट की गई लाइट को मापा। वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि बैंगनी रंग के बैक्टीरिया कम रोशनी में भी प्रकाश संश्लेषण द्वारा जीवित रह सकते हैं। ऐसे बैक्टीरिया को ऑक्सीजन कॉम्पोनेंट्स की भी जरूरत नहीं थी।
वैज्ञानिकों की टीम में शामिल लिसा कल्टेनेगर ने कहा कि हम अपने आसपास की आकर्षक दुनियाओं के लिए अपनी आंखें खोल रहे हैं। बैंगनी बैक्टीरिया एकदम अलग परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं और पनप सकते हैं। हमारे लिए अब यह सोचना आसान है कि दूसरी दुनिया में जिंदगी का रंग बैंगनी हो सकता है। हालांकि इस रिसर्च में भी एलियंस की मौजूदगी की पुष्टि नहीं की गई है।
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2024-04-21 09:19:09
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