शिकायतों का डाटा तैयार करते अधिकारी।
डिंडौरी में मध्य प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना सीएम हेल्पलाइन अब अधिकारियों के लिए समस्या बनती जा रही है। नियमों की जानकारी न होने और अधिकारियों पर प्रेशर बनाने की शिकायतें लगभग 30 प्रतिशत तक हो रही हैं। जिससे अधिकारियों के समय और पैसे की बर्बादी
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इस मामले में रिटायर्ड अधिकारी का कहना है कि सरकार को सीएम हेल्पलाइन में कुछ सुधार करने की आवश्यकता है ताकि अधिकारियों के समय और पैसे की बर्बादी को रोका जा सके और अधिकारी वास्तविक समस्याओं के निराकरण को कर सकें।
कब से शुरू हुई योजना और क्या है मकसद
31 जुलाई 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नागरिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए सीएम हेल्प लाइन 181 की शुरुआत की थी। ताकि नागरिकों की समस्या का तय सीमा के अंदर समाधान कर सकें।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा शिकायतें
विभाग | शिकायतें |
पंचायत एवं ग्रामीण विकास | 735 |
राजस्व | 538 |
स्वास्थ्य | 243 |
श्रम विभाग | 53 |
पिछड़ा एवं अल्प संख्यक कल्याण | 25 |
आर टी ओ | 24 |
स्कूल शिक्षा | 56 |
सामान्य प्रशासन | 18 |
वित्त विभाग | 52 |
जल संसाधन | 31 |
पी डब्ल्यू डी | 8 |
खनिज | 8 |
वन | 34 |
सहकारिता | 6 |
जनजातीय कार्य | 63 |
महिला एवं बाल विकास | 42 |
वाणिज्यिक कर | 23 |
सूचना एवं प्रौद्योगिकी | 41 |
अनुसूचित जाति कल्याण | 29 |
ऊर्जा | 353 |
किसान कल्याण एवं कृषि विकास | 30 |
नगरीय विकास एवं आवास | 70 |
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण | 199 |
पशु पालन एवं डेयरी | 106 |
सामाजिक न्याय | 37 |
गृह | 171 |
योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी | 30 |
पी एच ई | 131 |
अधिकारियों को क्या होती है समस्या
जब दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने जनपद सीईओ निखिलेश कटारे से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि पंचायत क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा दर्ज कराई जा रही शिकायतों में सामान्यतः 70 प्रतिशत शिकायतें सही पाई जाती हैं। जिनके निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को भेज कर समस्याओं का निराकरण भी कराया जाता है। लेकिन 30 प्रतिशत शिकायतकर्ता जो रहते हैं वो बेवजह परेशान करने के लिए शिकायतें दर्ज कराते हैं। उन शिकायतों को बंद कराने में थोड़ी समस्या आती है। मजबूरन फोर्सली बंद कराया जाता है।
राजस्व विभाग में तहसीलदार आरपी मार्को ने बताया कि जमीन संबंधी शिकायतों में तो पक्षकार नियमों की जानकारी न होने के अभाव में या फिर जल्दी न्याय पाने के चक्कर में लगा देते हैं। कई बार तो केस न्यायालय में चल रहे होते हैं और आवेदक 181 में शिकायत दर्ज करा देते हैं। उनको समझाइश दी जाती है ताकि शिकायत बंद कराई जा सके।
तहसीलदार आरपी मार्को ने दी शिकायतों की जानकारी।
सरकार को करना चाहिए बदलाव ताकि अधिकारियों के समय की बचत हो आरईएस विभाग के रिटायर्ड कार्यपालन यंत्री राजेंद्र धुर्वे का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन नागरिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए बहुत अच्छी योजना है। लेकिन कुछ लोग उसका मिसयूज करते हैं। कुछ अधिकारियों पर बेवजह दबाव बनाने के लिए शिकायत कर देते हैं।
जिसमें अधिकारी के समय की बर्बादी होती है। सरकार को यह देखना चाहिए कि इस तरह की शिकायतों में अधिकारियों के समय की बर्बादी न हो। थोड़ा नियम में बदलाव की आवश्यकता है ताकि अधिकारी समय का सदुपयोग कर सकें।
80 प्रतिशत शिकायतों का समाधान ,A ग्रेड में पहुंचा जिला जिले में सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 में अक्टूबर महीने में 3059 शिकायतें दर्ज हुई थीं। 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान करके बंद कराया गया है। निम्न गुणवत्ता वाली 9.61 प्रतिशत और नोट अटेंडेंट की शिकायतों का प्रतिशत 9.77 हैं। राज्य शासन द्वारा जारी जिले का स्कोर 80.39 प्रतिशत के साथ A ग्रेड पर है।
कलेक्टर बोले-शासन को भेजते हैं जानकारी, कुछ प्रयास करेंगे सीएम हेल्प लाइन में दर्ज कराई रही बेवजह की शिकायतों के लिए कलेक्टर हर्ष सिंह का कहना है कि शासन द्वारा गाइड लाइन भी है। ऐसी शिकायतों की जानकारी शासन को भेजते हैं। जिले स्तर पर भी कुछ कार्यवाही करेंगे। ऐसे शिकायतकर्ताओं को चिन्हित किया जाएगा।
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