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गोद लेने के लिए MP में उपलब्ध बच्चों की तुलना में चार गुना अधिक आवेदन

महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने भोपाल में दत्तक ग्रहण जागरूकता कार्यशाला में घोषणा की कि अगले वर्ष से मध्य प्रदेश में हर जिले में दत्तक ग्रहण एजेंसी और शिशु गृह स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए केंद्र से 12 सुझाव दिए गए, जिनमें से 6 को मंजूरी मिली है।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Mon, 25 Nov 2024 10:29:29 PM (IST)

Updated Date: Mon, 25 Nov 2024 10:29:29 PM (IST)

महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने दत्तक ग्रहण को लेकर बात कही।

HighLights

  1. मंत्री भूरिया ने कहा सरल होगी बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया
  2. हर जिले में दत्तक ग्रहण एजेंसी और शिशु गृह स्थापित होंगे
  3. प्रदेश में नवजात बच्चों को छोड़ने की घटनाओं में कमी आई

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : प्रदेश में दत्तक ग्रहण यानी बच्चा गोद लेने के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। अगले वर्ष से प्रत्येक जिले में दत्तक ग्रहण एजेंसी काम करेगी। साथ ही शिशु गृह भी सभी जिले में बनाए जाएंगे। यह बात महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने सोमवार को भोपाल में राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही।

गोद लेने की प्रक्रिया होगी सरल

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ने दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को सरल करने के लिए केंद्र को 12 सुझाव दिए थे। इनमें से छह मान लिए गए हैं। इससे देशभर में प्रक्रिया और आसान हो गई है। अभी 20 हजार से अधिक लोग बच्चा गोद लेने के लिए तैयार हैं, परंतु प्रदेश में केवल चार हजार 500 बच्चे ही गोद दिए जाने के लिए उपलब्ध हैं। हर वर्ष नवंबर में दत्तक ग्रहण जागरूकता माह मनाया जाता है।

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265 पालना स्थापित

भूरिया ने कहा, ऐसे हाट स्पाट जहां नवजात शिशु को छोड़ जाने की संभावना होती है, 265 पालना स्थापित कराए हैं। ज़िलों में और नए पालना स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे बच्चों को झाड़ियों में फेंके जाने की घटनाओं में कमी आई है। देशभर में इस पहल की प्रशंसा हुई है। कार्यशाला में एक बच्ची को गोद लेने वाले स्पेन के दंपती ने भी अपना अनुभव साझा किया।

महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम के लिए सरकार के विभिन्न विभागों ने मिलकर सोमवार 25 नवंबर से ‘हम होंगे कामयाब’ अभियान प्रारंभ किया है, जो 10 दिसंबर तक चलेगा। अभियान के पहले दिन भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में ‘महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए एकजुटता’ विषय पर संवाद कार्यक्रम हुआ।

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ऑनलाइन लैंगिक हिंसा के बारे में साक्षर बनाएं

महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा, आज का ज़माना सोशल मीडिया का है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सभी युवाओं को इंरटनेट मीडिया साक्षरता, डिजिटल एक्सटार्शन और आनलाइन लैंगिक हिंसा के बारे में शिक्षित करना होगा।

विशेष पुलिस महानिदेशक (महिला अपराध) प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने कहा कि हम लोगों को ‘मैं’ से निकलकर ‘हम’ का प्रयास करना चाहिए। इस पखवाड़े के माध्यम से ‘मैं नारी हूं और कभी न हारी हूं’ को सभी महिलाओं को अपनाना चाहिए।

प्रमुख सचिव महिला बाल विकास रश्मि अरुण शमी ने कहा, ये पखवाड़ा बच्चों और महिलाओं पर केंद्रित नहीं बल्कि पुरुषों की मानसिकता बदलने का भी प्रयास है। पखवाड़े के दौरान ज़िलों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया जाएगा।

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