रतलाम में ठंड का असर दिखाई देने लगा है। हल्की-हल्की सर्द हवाओं के साथ सुबह व रात में कंपकपाने वाली ठंड का एहसास हो रहा है। लोग ऊनी वस्त्रों में नजर आने लगे है। शहर में गर्म कपड़ों की दुकाने भी लग गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी शीत ऋतु में तापमान की कम
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मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी के कारण प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी बर्फ गिर रही है। ऐसे में हवा की रफ्तार बढ़ने का अनुमान है। मौसम विभाग की माने तो दिसंबर के पहले सप्ताह से ही प्रदेश में कड़ाके की ठंड का असर दिखाई देने लगेगा। जो पूरे माह बना रहेगा।
बर्फबारी का असर रतलाम में भी दिखाई देने लगा है। शाम 6 बजते ही ठंड का असर शुरू हो जाता है। जो कि रात भर रहता है। सुबह 10 बजे तक यह असर बना रहता है। अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री, न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री दर्ज हुआ।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी
सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि शीत ऋतु में वातावरण का तापमान अत्यधिक कम होने (शीत लहर) के कारण मानव स्वास्थ पर अनेक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। सर्दी, जुखाम, बुखार, निमोनिया, त्वचा रोग, फेफड़े में संक्रमण, हाईपोथर्मिया, अस्थ्मा, एलर्जी होने की आंशका बढ़ जाती है। समय पर नियंत्रण न किया जाए, उस स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है।
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इन बातों का रखे ध्यान
- घर में ठंडी हवा के प्रवेश रोकने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियों की ठीक से बंद रखा जाए। बिस्तर, रजाई, कंबल, स्वेटर एंव अन्य आवश्यक वस्तुओं का पूर्व से इंतजाम रखे।
- अतिरिक्त गर्म कपड़ों का भी भंडारण रखे।
- शीत से होने वाले रोग के लक्षणों के उत्पन्न होने पर तत्काल स्थानीय स्वास्थ कर्मियों या डॉक्टर से संपर्क करे।
- घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ से संपर्क को रोकने के लिए अनिवार्य होने पर ही यात्रा करें।
- शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, कान, नाक,हाथ और पैर की पर्याप्त रूप से ढकें।
- एक परत वाले कपड़े की जगह ढीली फिटिंग वाले परतदार हल्के कपड़े, हवा रोधी/सूती का बाहरी आवरण तथा गर्म ऊनी भीतरी कपड़े पहने।
- तंग कपडे़ शरीर में रक्त के बहाव को रोकते है इन कपड़ों का प्रयोग न करें।
- शरीर की गर्मी बचाये रखने के लिए टोपी, हैट, मफलर तथा आवरण युक्त एवं जलरोधी जूतों का प्रयोंग करें।
- स्वास्थवर्धक गर्म भोजन का सेवन किया जाए। शीत प्रकृति के भोजन से दूर रहें।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हेतु के लिए विटामिन सी से भरपूर ताजे फल व सब्जियों का उपयोग करे।
- गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से ले, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर में गर्मी बनी रहेगी। पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करे, क्योंकि वातावरण में तापमान की कमी से पाईप में पानी जम सकता है।
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