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म्यांमार के मिलिट्री लीडर को गिरफ्तार करने की मांग: रोहिंग्याओं के नरसंहार का आरोप, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से वारंट जारी करने की अपील

यांगोन1 मिनट पहले

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म्यांमार के मिलिट्री लीडर मिन आंग ह्लाइंग पर हिंसा, उत्पीड़न और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप है। - Dainik Bhaskar

म्यांमार के मिलिट्री लीडर मिन आंग ह्लाइंग पर हिंसा, उत्पीड़न और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप है।

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने म्यांमार के मिलिट्री लीडर मिन आंग ह्लाइंग के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अपील की है। मिन आंग पर अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा, उत्पीड़न और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप है। इस वजह से कई लाख रोहिंग्या बांग्लादेश भागने को मजबूर हो गए थे।

करीम खान ने रोहिंग्याओं के खिलाफ हिंसा को जातीय नरसंहार के तौर पर पेश किया, जिसमें सामूहिक हत्या, रेप और बस्तियों को बर्बाद करना शामिल है। उन्होंने जल्द ही म्यांमार के दूसरे नेताओं के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट के लिए अपील का ऐलान किया। मिन आंग ह्लाइंग ने 2021 में आंग सान सू तख्तापलट कर म्यांमार की सत्ता हथिया ली थी।

मिन आंग ने निर्वाचित नेता आंग सान सू को हटा कर सत्ता हथिया ली थी, जिसके बाद उनके खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

मिन आंग ने निर्वाचित नेता आंग सान सू को हटा कर सत्ता हथिया ली थी, जिसके बाद उनके खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम? – रोहिंग्या मुस्लिम प्रमुख रूप से म्यांमार के अराकान प्रांत में बसने वाले अल्पसंख्यक हैं। – इन्हें सदियों पहले अराकान के मुगल शासकों ने यहां बसाया था। वर्ष 1785 में बर्मा के बौद्ध लोगों ने देश के दक्षिणी हिस्से अराकान पर कब्जा कर लिया था। – उन्होंने हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिमों का कत्ल कर बाहर खदेड़ने की कोशिश की। – इसी के बाद से बौद्ध धर्म के लोगों और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच हिंसा और कत्लेआम का दौर शुरू हुआ, जो अब तक जारी है।

म्यांमार सरकार इन्हें नहीं मानती अपना नागरिक म्यांमार में करीब 10 लाख रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं, लेकिन म्यांमार की सरकार इन लोगों को अपना नागरिक नहीं मानती। साल 2012 में म्यामांर के एक मंत्री ने बात का ऐलान भी किया था। – इस तरह इन लोगों का कोई देश ही नहीं है। ये शुरुआत से ही भीषण दमन का सामना करते आ रहे हैं। – पिछले कुछ समय से देश में भीषण दंगे हुए, जिसमें जान-माल का सबसे ज्यादा नुकसान रोहिंग्या मुस्लिमों को ही उठाना पड़ा। – इसके चलते ये बांग्लादेश और थाईलैंड की सीमा पर स्थित शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं, जहां इनकी हालत बहुत खराब है।

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