15 दिन में बढ़ी एपीके फाइल से ठगी की शिकायतें
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ठगी का नया तरीका अब एपीके फाइल है। वॉट्सएप ग्रुपों पर भेजी जा रही एपीके फहल जितनी घातक है, उससे भी ज्यादा खतरनाक ठगी का तरीका है। इन फाइलों के जरिए न केवल ठगी हो रही है, बल्कि ठग पीड़ित का मोबाइल नंबर बंद करवाकर ई-सिम जारी करवा रहे हैं। ई-सिग से पीड़ित का बायोमेटिक तक ब्लॉक करवाया जा रहा है।
इसका खुलासा साइबर पुलिस की जांच में हुआ है। साइबर ऋक्ष्म विंग के पास पहुंची शिकायत में कुछ ऐसा ही विनीत सिंह के साथ हुआ। ठग ने उनके वॉट्सएप पर एपीके फाइल के रूप में शादी का कार्ड भेजा। डाउनलोड करते ही मोबाइल हैंग हो गया और नंबर भी बंद हो गया।
सिम चालू न होने पर जानकारी ली तो पता चला कि उस नंबर से ई-सिम जारी हुई है। विनीत ने साइबर क्राइम विंग में शिकायत दर्ज कराई। तब ठग उनका बायोमेट्रिक भी ब्लॉक करवा चुके थे। पिछले 15 दिन में एपीके फाइल से ठगी की शिकायतें बढ़ी हैं।
ठग ऐसे जारी कराते हैं ई-सिम…. साइबर पुलिस के अनुसार एपीके फाइल डाउनलोड करते ही कॉल और मैसेज ठगों के पास फॉरवर्ड होंगे। वह मोबाइल कंपनी के एप पर जाकर ई-सिग की रिक्वेस्ट करता है। ओटीपी दर्ज कर ई-सिग जारी करा लेता है। यह जारी होते ही फिजिकल सिम बंद हो जाती है।
सिम चालू न होने पर आप कस्टमर केयर पर संपर्क करेंगे। तब इसका पता चलेगा। बायोमेट्रिक ब्लॉक होने पर आधार को दूसरे नंबर से लिंक कराकर इसे अनब्लॉक कराना होगा। तब ई-सिग बंद करवाने के साथ फिजिकल सिम जारी कराई जा सकती है।
पीएम आवास के बाद शादी का कार्ड… साइबर पुलिस के मुताबिक सबसे ज्यादा ठगी पीएम आवास और शादी कार्ड के रूप में भेजी जा रही एपीके फाइल से हो रही है। अब इसमें फुल टाइम-पार्ट टाइम जॉब की एपीके फाइल भी जुड़ गई है।
एम-आधार से ब्लॉक हो रहा बायोमेट्रिक साइबर क्राइम विंग के एसआई देवेंद्र साहू ने बताया कि एपीके फाइल डाउनलोड करते ही फोन हैंग हो जाता है। कॉल और मैसेज फॉरवर्ड होकर ठगों के पास पहुंचते हैं। ठग सबसे पहले पीड़ित की सिग बंद करवाकर ई-सिम जारी करवाते हैं।
उस ई-सिग से वॉलेट एक्टिव कर खाते से रकम निकाली जाती है। लोग जल्दी दूसरी सिम जारी न करवा सकें, इसलिए मोबाइल एप एम-आधार डाउनलोड कर यूजर का बायोमेट्रिक ब्लॉक कर दिया जाता है। इसे खुलवाने में समय लगता है, तब तक जालसाज ठगी कर लेते हैं।
पुलिस की एडवाइजरी राज्य साइबर पुलिस और साइबर क्राइम विंग ने एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें बताया गया है अनजान नंबर से भेजी गई एपीके फाइल डाउनलोड न करें। यह इन्विटेशन कार्ड-पीएम आवास से संबंधित नहीं है। यह एक खतरनाक एपीके फाइल है। इसे इंस्टॉल करते ही मोबाइल हैक हो जाएगा।
- अनजान नंबर से एपीके फाइल आने पर 1930 पर जानकारी दें।
- साइबर क्राइम विंग हेल्पलाइन नंबर 9479990636 पर संपर्क करें।
अनजान नंबर से आई एपीके फाइल डाउनलोड न करें एडवाइजरी जारी की गई है एपीके फइल से लगातार ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। इसके लिए एडवाइजरी जारी की गई है। अनजान नंबर से आई किसी भी तरह की एपीके फाइल डाउनलोड न करें। यूसुफ कुरैशी, डीआईजी राज्य साइबर पुलिस
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