जिले में इस बार अच्छी बारिश होने से वीरपुर बांध लगभग दो दशक बाद पूरा भरा, लेकिन दो माह में ही यह बांध 6 फीट खाली भी हो गया। खास बात यह रही कि बांध से एक बूंद पानी भी उपयोग नहीं किया गया। दूसरी ओर तिघरा बांध से शहर को नियमित सप्लाई होने के बाद भी वह द
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वीरपुर बांध में पानी धीरे-धीरे कम होने की वजह लोग बांध में लीकेज बता रहे हैं, जबकि जल संसाधन विभाग इसके लिए बांध के कैचमेंट एरिया में बने 16 ट्यूबवैल को जिम्मेदार मान रहा है, क्योंकि उनसे पानी का दोहन नियमित हो रहा है।
ज्ञात रहे बारिश के ठीक बाद 30 सितंबर को वीरपुर बांध का जल स्तर 20 फीट से ऊपर था, जो अब 14 फीट पर है। अर्थात दो माह में बांध 6 फीट खाली हो गया। इसी तरह बारिश खत्म होने के समय तिघरा बांध का जलस्तर 740 फीट था, जो अब 737 फीट है।
पर्यावरणविदों का कहना है कि यदि वीरपुर बांध सहित शहर से सटे 6 बांधों का अच्छी तरह से मेंटनेंस किया जाए तो शहरवासियों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं को संयुक्त रूप से काम करके बांधों से गाद हटाकर उन्हें गहरा करना चाहिए।
उधर, जीवाजी विश्वविद्यालय में भूविज्ञान विभाग के एचओडी प्रो. एसएन महापात्रा का कहना है कि शहर के चारों ओर बने बांधों को यदि सालभर भरा रहने दिया जाए तो न केवल शहर के जलस्तर में सुधार होगा, बल्कि शहर को पानी की समस्या से भी निजात मिलेगी।
यह है वीरपुर और तिघरा बांध के जलस्तर की वर्तमान स्थिति
- वीरपुर बांध का 30 सितं. को 20 फीट था जलस्तर
- 30 नवंबर को वीरपुर बांध का जलस्तर 14 फीट दर्ज हुआ
- तिघरा बांध का वर्तमान जलस्तर 737 फीट है
बांध का 5 करोड़ रुपए से होगा सौंदर्यीकरण ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने वीरपुर बांध के पास सौंदर्यीकरण और पिकनिक स्पॉट तैयार किया था। यहां पर 85 लाख रुपए की राशि खर्च की गई थी। अब नगर निगम बांध के आसपास के क्षेत्र को विकसित करने के लिए पांच करोड़ रुपए की राशि खर्च करेगा।
इसका प्रस्ताव भोपाल स्तर से स्वीकृत होकर आना है। उसके बाद टेंडर प्रक्रिया की जाएगी।नगर निगम बांध के आसपास स्टोन पिचिंग का काम करेगा। पाथ-वे और स्ट्रीट लाइट आदि लगाई जाएगी। डिसिल्टिंग का काम भी होगा।
गेट में कोई लीकेज नहीं है वीरपुर बांध के गेट की खराब रोड को विगत वर्ष बदला गया था। गेट का बरसात से पूर्व भी मेंटेनेंस किया गया था। गेट से कोई लीकेज नहीं है। – स्वतंत्र सक्सेना, ईई, ईएंडएम, जल संसाधन विभाग
बांध भरने से क्षेत्र का जलस्तर बढ़ा है वीरपुर बांध के कैचमेंट में लगभग 16 ट्यूवबेल हैं। इन ट्यूवबेल के संबंध में नोटिस जारी किए गए थे। वीरपुर बांध भरने से पूरे क्षेत्र का जलस्तर बढ़ा है और पूरे क्षेत्र में सूखे बोरिंग भी रीचार्ज हुए हैं। – राजेश चतुर्वेदी, एसई, जल संसाधन विभाग
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