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बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु के वकील पर हमला, हालत गंभीर: कट्टरपंथियों ने घर में तोड़फोड़ भी की; चिन्मय की जमानत पर आज सुनवाई

ढाका3 मिनट पहले

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इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने आईसीयू में वकील की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। - Dainik Bhaskar

इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने आईसीयू में वकील की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के केस की पैरवी करने वाले वकील पर हमला हुआ है। यह दावा कोलकाता में इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने किया है।

राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में रमन रॉय की तस्वीर के साथ कहा-

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चिन्मय दास के वकील रमन रॉय पर क्रूर हमला हुआ है। वे ICU में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी एकमात्र गलती यह थी कि उन्होंने कोर्ट में चिन्मय प्रभु का बचाव किया। कट्टरपंथियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उनपर बेरहमी से हमला किया।

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बांग्लादेश में इस्कॉन के एक प्रमुख पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पिछले महीने रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में गिरफ्तार किया गया था। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। 26 नवंबर को ढाका की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आज उनकी जमानत पर फिर सुनवाई होगी।

चिन्मय दास के वकील रमन रॉय। यह तस्वीर इस्कॉन प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

चिन्मय दास के वकील रमन रॉय। यह तस्वीर इस्कॉन प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

कौन हैं चिन्मय प्रभु? चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का असली नाम चंदन कुमार धर है। वे चटगांव इस्कॉन के प्रमुख हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच 5 अगस्त 2024 को PM शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाएं हुईं।

इसके बाद बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए सनातन जागरण मंच का गठन हुआ। चिन्मय प्रभु इसके प्रवक्ता बने। सनातन जागरण मंच के जरिए चिन्मय ने चटगांव और रंगपुर में कई रैलियों को संबोधित किया। इसमें हजारों लोग शामिल हुए।

क्यों गिरफ्तार हुए चिन्मय प्रभु? 25 अक्टूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में सनातन जागरण मंच ने 8 सूत्री मांगों को लेकर एक रैली की थी। इसमें चिन्मय कृष्ण दास ने भाषण दिया था। इस दौरान न्यू मार्केट चौक पर कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर ‘आमी सनातनी’ लिखा हुआ था।

रैली के बाद 31 अक्टूबर को बेगम खालिदा जिया की ‌BNP पार्टी के नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है।

बांग्लादेश में पिछले दिनों में क्या-क्या हुआ?

26 नवंबर चिन्मय प्रभु की जमानत याचिका खारिज चटगांव में इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्यम कृष्ण दास प्रभु की जमानत खारिज हुई। इसके बाद कोर्ट परिसर के बाहर हिंसा भड़क गई। इसमें वकील सैफुल इस्लाम की जान चली गई।

भारत ने नाराजगी जाहिर की चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत ने नाराजगी जाहिर की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए सही मांगें करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं।

बांग्लादेश इस्कॉन के धर्मगुरु जमानत याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट से बाहर आते हुए।

बांग्लादेश इस्कॉन के धर्मगुरु जमानत याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट से बाहर आते हुए।

27 नवंबर

इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग बांग्लादेश हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई। याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग शामिल हैं। ऐसे में इस संस्था को बैन किया जाए। इस अर्जी में चटगांव में इमरजेंसी घोषित करने की भी मांग की गई थी।

28 नवंबर

इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग खारिज ढाका हाईकोर्ट ने 28 सितंबर को इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। अदालत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि इस्कॉन की गतिविधियों के खिलाफ हमने जरूरी कदम उठाए हैं। यह मुद्दा सरकार की प्राथमिकता है।

शेख हसीना ने चिन्मय की रिहाई की मांग बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी गुरुवार को इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए अंतरिम सरकार से उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा। हसीना ने कहा कि सनातन धर्म के एक प्रमुख नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है।

इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से नाता तोड़ा इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से खुद को अलग कर लिया। महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि अनुशासन भंग करने की वजह से चिन्मय को पहले ही संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया था। वह उनके किसी भी बयान या प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी नहीं लेते।

चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर बयान देते हुए इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी

चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर बयान देते हुए इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी

29 नवंबर

भारत का इस्कॉन चिन्मय प्रभु के समर्थन में आया इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की भारतीय शाखा ने कहा कि चिन्मय प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वे उनके अधिकार और बोलने की आजादी का समर्थन करते हैं। संगठन ने कहा कि हमने खुद को चिन्मय प्रभु से दूरी नहीं बनाई है और न ही ऐसा करेंगे।

भारत बोला- बांग्लादेश सरकार हिंदुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले बांग्लादेश में इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी और हिंदुओं के हालात पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर अपना विरोध जताया है।

30 नवंबर

हिंदू धर्मगुरु श्याम दास प्रभु गिरफ्तार

चटगांव में इस्कॉन से जुड़े एक और धर्मगुरु श्याम दास प्रभु को गिरफ्तार किया गया। श्याम जेल में बंद चिन्मय दास से मिलने गए थे। उन्हें बिना वारंट के गिरफ्तार कर लिया गया। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने इसकी जानकारी दी।

श्याम दास प्रभु को बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया

श्याम दास प्रभु को बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया

1 दिसंबर

बांग्लादेश में 83 इस्कॉन सदस्यों को भारत जाने से रोका

बांग्लादेश की इमिग्रेशन पुलिस ने वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत जा रहे इस्कॉन के 54 सदस्यों को बॉर्डर पर रोक दिया। ये लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने भारत जा रहे थे। इसे लेकर इमिग्रेशन पुलिस का कहना है कि उनके पास भले ही वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन गवर्नमेंट की स्पेशल परमिशन नहीं थी। अगले दिन इस्कॉन के 29 लोगों भारत आने से रोका गया।

2 दिसंबर

ममता ने बांग्लादेश में शांति सेना भेजने की मांग की पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में शांति सेना भेजे जाने की मांग की। ममता ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को संयुक्त राष्ट्र से बातचीत करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि PM मोदी को विदेशी धरती पर अत्याचार का सामना कर रहे भारतीयों को वापस लाना चाहिए।

2 दिसंबर 2024

त्रिपुरा में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त के कार्यालय में तोड़-फोड़

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त के ऑफिस में तोड़-फोड़ की गई। ऑफिस के बाहर हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन आयोजित किया था। बांग्लादेश ने नाराजगी जताई।

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बांग्लादेश बोला-चिन्मय की गिरफ्तारी पर भारत का बयान बेबुनियाद, कहा-तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया

बांग्लादेश में इस्कॉन के धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान पर बांग्लादेश का भी जवाब आया है। बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा- ये बेहद दुख की बात है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है। पूरी खबर पढ़ें…

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