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Digital Arrest Case Study: 63 साल के डॉक्टर को 29 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट, 21 लाख ठगे… अपराधियों ने उठाया डर का फायदा

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट का एक और मामला सामने आया है। शातिर बदमाशों ने झूठी कहानी बनाकर डॉक्टर को फंसाने की कोशिश की। डॉक्टर डर गए जिसका भरपूर फायदा अपराधियों ने उठाया। अपराधियों ने यहां भी आधार के गलत इस्तेमाल वाली ट्रिक का सहारा लिया।

By Arvind Dubey

Publish Date: Tue, 03 Dec 2024 09:47:11 AM (IST)

Updated Date: Tue, 03 Dec 2024 12:22:46 PM (IST)

इनसेट में पीड़ित डॉक्टर। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

HighLights

  1. अपराधियों ने घर के सभी फोन बंद करवाए
  2. बाथरूम तक जाने में निगरानी में रहे डॉक्टर
  3. रकम ऐंठने के बाद भी ठग परेशान करते रहे

नईदुनिया, ग्वालियर। शातिर साइबर ठगों ने शहर के एक डॉक्टर को 29 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे 21 लाख रुपये ठग लिए। डॉक्टर गोला का मंदिर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर में रहते हैं, ठगों ने उन्हें इस कदर भयभीत कर दिया कि उन्होंने 29 घंटों तक न तो किसी से बातचीत की और घर के बाकी सभी नंबरों को स्विच ऑफ भी करवा दिया।

इस घटना का खुलासा तब हुआ, जब उनसे रकम ऐंठने के बाद भी ठग उन्हें मैसेज करते रहे और परेशान होकर उन्होंने अपने परिचितों को इस बारे में बताया। लोगाें ने उन्हें तत्काल पुलिस के पास जाने को कहा, तब जाकर कहीं उन्होंने मामले की शिकायत दर्ज करवाई।

गोला का मंदिर के हनुमान नगर के रहने वाले 63 वर्षीय मुकेश शुक्ला पुत्र केके शुक्ला पेशे से डॉक्टर हैं। 29 नवंबर को सुबह वह अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे कि तभी उनके मोबाइल पर एक कॉल आया।

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पढ़िए पूरा घटनाक्रम: घबराकर वही किया जो ठग चाहता था

  • कॉल ठग का था, उसने डॉक्टर से कहा कि वह आईटी कंपनी से बोल रहा है और उनके नाम पर चल रही महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी पर नौ लाख 40 हजार 44 रुपए की रिकवरी निकली है।
  • उन्होंने कहा कि महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी हमारी नहीं है, तो फोन करने वाले ने उन्हें डराते हुए कहा कि वह किसी ट्रैप में फंसे हैं, तो उन्हें दो घंटे में पुलिस मुख्यालय दिल्ली पहुंचकर अपनी शिकायत देनी होगी।
  • इस बात पर डॉक्टर घबरा गए और कॉल करने वाले से ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने की बात कही। ठग यही चाहता था, उसने डॉक्टर की मदद करने का आश्वासन दिया।
  • इसके बाद उसने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अजय शर्मा का नंबर देकर उससे बात करने के लिए कहा। उन्होंने अजय शर्मा को कॉल किया और अपनी बात बताई।
  • अजय शर्मा ने उनसे दस्तावेज मांगे और बताया कि उनके आधार कार्ड पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है। दूसरे ठग अजय ने उन्हें बीते दिनों मनीष चौधरी के यहां पर रेड होने की बात कहते हुए डॉक्टर का कार्ड मिलने की बात कही।
  • साथ ही यह भी कहा कि उस कार्ड पर करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है। ठग ने उन्हें उनका फोटो लगा हुआ कार्ड दिखाया, जिस पर अपना फोटो और नाम देखकर वह घबरा गए और ठग की बातों में फंस गए।

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गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया

अजय शर्मा ने डॉक्टर को मजिस्ट्रेट के यहां से जारी हुआ एक वारंट भी दिखाया, जिसमें उनके फोटो और नाम के साथ गिरफ्तारी का आदेश था। इसके बाद उन्होंने उसे निगरानी में होने की बात कही और उनके घर के सभी मोबाइल नंबर स्विच आफ करवा दिए। उन्हें बाथरूम तक जाने में ठगों की निगरानी में रहना पड़ा।

इसके बाद अगले दिन ठगों ने उनसे 21 लाख रुपए आरटीजीएस करा लिए। इसके बाद उन्हें सीबीआई की एक टीम की निगरानी में होने की बात कही। ठगों ने उनसे कहा कि इस मामले में किसी से कोई चर्चा नहीं करें, नहीं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पीड़ित डॉक्टर से नईदुनिया की बातचीत

किस बैंक से आरटीजीएस किया था? बैंक वालों ने भी आपको सतर्क नहीं किया ?

  • पीड़ित: मेला ग्राउंड रोड के एसबीआई से किया था आरटीजीएस, बैंक वालों ने कुछ नहीं बताया। पैसे काउंटर पर रखते समय मन में सवाल आया करूं या नहीं लेकिन डरा इतना दिया था कि जमा कर दिए पैसे।

क्या कह कर पैसे जमा करवाए थे? केस से मुक्त करने का लालच या कोई अन्य दवाब ?

  • पीड़ित: मुझे कहा कि तुम्हारी चल अचल संपत्ति की जांच करना है, एफडी तोडो, अकाउंट में जो पैसे हैं वो सब मिला कर हमें भेजो। हैदराबाद की बंधन बैंक के अकाउंट में जमा करने को कहा, जो किसी संस्था के नाम पर थी।

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आप पढ़े लिखे डॉक्टर हैं, आप कैसे फंस गए ठगों के जाल में?

  • पीड़ित: मुझे खुद समझ नहीं आया कि क्या हुआ? मेरी पत्नी और बेटे की मौत कोरोना काल में हो गई थी। दोबारा शादी की मैंने, जिससे एक तीन माह की बच्ची है। बेटी को अनाथालय में भेजने और मुझे और मेरी पत्नी को केस में फंसा कर जेल में डालने की बात की। मैं बहुत घबरा गया था।

आपको कब पता चला कि आपके साथ ठगी हो गई है?

  • पीड़ित: पूर्व प्रभारी एसपी राकेश सगर को मैंने इस बारे में बताया। उन्होंने मुझसे दस्तावेज मांगे जो ठगों ने मुझे भेजे थे। उन्होंने मुझे तुरंत चेताया कि मेरे साथ ठगी हुई है। उन्होंने ही फिर एफआईआर करने में मेरी मदद करवाई।

ठगों से अभी कोई संपर्क है या संवाद बंद हो गया?

  • पीड़ित: ठगों से अभी भी व्हाट्सएप के माध्यम से संवाद चल रहा है। उन्होंने मुझसे दिन में तीन बार अपनी अपडेट देने के लिए कहा है। जब मैं चूक जाऊं अपडेट देने में तो फिर वो काल कर के मुझसे सवाल जवाब कर रहे हैं।

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