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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों से अमेरिका नाराज: कहा- अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा हो; ब्रिटिश सांसद बोले- हिंदुओं का सफाया करने की कोशिश

ढाका17 मिनट पहले

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते वेदांत पटेल। - Dainik Bhaskar

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते वेदांत पटेल।

अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि सरकार को बोलने की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का सम्मान करने की जरूरत है।

पटेल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। उनसे मानवाधिकारों के मुताबिक ही व्यवहार किया जाना चाहिए।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने भी चिंता जताई है। लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने कहा कि ब्रिटिश सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर नजर रख रही है। विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद हिंदुओं को खत्म करने की कोशिश हो रही है।

हाउस ऑफ कॉमन्स में एक बहस के दौरान ब्लैकमैन ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर जला दिए गए हैं। उनके दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की जा रही है। पुजारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

हाउस ऑफ कॉमन्स में बांग्लादेश के मुद्दे पर बोलते ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन।

हाउस ऑफ कॉमन्स में बांग्लादेश के मुद्दे पर बोलते ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन।

हसीना बोलीं- मोहम्मद यूनुस अल्पसंख्यकों पर हमलों के जिम्मेदार बांग्लादेश में हिंदुओं के नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से तनाव बढ़ा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले और उनकी हत्याओं का जिम्मेदार अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को बताया है। मंगलवार को न्यूयॉर्क के एक सेमिनार को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने कहा-

“बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं का जिम्मेदार मुझे बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत में मोहम्मद यूनुस हैं जो छात्र नेताओं के साथ मिले हुए हैं और सामूहिक हत्याओं में शामिल हैं।

हसीना ने कहा-

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बांग्लादेश में टीचर, पुलिस पर हमले हो रहे हैं, वे मारे जा रहे हैं। हिंदू, बौद्ध और ईसाइयों को टारगेट किया जा रहा है।

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हसीना ने कहा, यूनुस सरकार के लोग ही सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं। यहां तक ​​कि लंदन से तारिक रहमान (खालिदा जिया के बेटे) ने भी कहा है कि अगर मौतें जारी रहीं, तो सरकार नहीं चलेगी।”

हसीना ने कहा- मैं जनसंहार नहीं चाहती थी, इसीलिए देश छोड़ने का फैसला किया।

दूसरी तरफ बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को समन जारी किया है। दरअसल, सोमवार को अगरतला में बांग्लादेश मिशन पर हमला हुआ था, इस पर बांग्लादेश ने नाराजगी जताई थी।

इस मामले पर आज शाम 4 बजे बांग्लादेश के विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह ने प्रणय वर्मा से मुलाकात की। वर्मा ने मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा- भारत-बांग्लादेश के संबंध बहुआयामी हैं, इन्हें एक मुद्दे या एजेंडे तक सीमित नहीं कर देना चाहिए।

प्रणय वर्मा समन किए जाने के बाद बांग्लादेश के विदेश सचिव से मिलने जाते हुए।

प्रणय वर्मा समन किए जाने के बाद बांग्लादेश के विदेश सचिव से मिलने जाते हुए।

चिन्मय प्रभु के वकील पर हमला, ICU में भर्ती

बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के केस की पैरवी करने वाले वकील पर हमला हुआ है। यह दावा कोलकाता में इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने किया है।

राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में रमन रॉय की तस्वीर के साथ कहा-

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चिन्मय दास के वकील रमन रॉय पर क्रूर हमला हुआ है। वे ICU में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी एकमात्र गलती यह थी कि उन्होंने कोर्ट में चिन्मय प्रभु का बचाव किया। कट्टरपंथियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया।

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बांग्लादेश में इस्कॉन के एक प्रमुख पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पिछले महीने रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में गिरफ्तार किया गया था। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। 26 नवंबर को ढाका की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

चिन्मय दास की जमानत पर सुनवाई 2 जनवरी तक के लिए टाल दी गई है। द डेली स्टार के मुताबिक यूनुस सरकार ने कोर्ट से समय मांगा जिसके बाद सुनवाई आगे बढ़ा दी गई।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कानूनी मदद न मिलने की वजह से चिन्मय दास की सुनवाई आगे बढ़ाई गई है। दरअसल, चिन्मय दास की पैरवी करने के लिए कोई भी वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ।

चिन्मय दास के वकील रमन रॉय। यह तस्वीर इस्कॉन प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

चिन्मय दास के वकील रमन रॉय। यह तस्वीर इस्कॉन प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

ढाका यूनिवर्सिटी में छात्रों का भारत के खिलाफ प्रदर्शन बांग्लादेश में सोमवार की रात ढाका यूनिवर्सिटी के कैंपस में सैकड़ों छात्रों ने भारत विरोधी नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन किया। ये छात्र सोमवार को अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई-कमीशन के कैंपस में तोड़फोड़ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार के मुताबिक छात्रों ने कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के साथ नहीं बल्कि, पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना के साथ संबंधों को आगे बढ़ाया। भारत, शेख हसीना की सत्ता छिनने से खुश नहीं है।

खुलना में भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन, ढाका में सुरक्षा बढाई गई बांग्लादेश के खुलना में सोमवार रात छात्रों और अन्य कट्‌टरपंथी संगठनों ने भारतीय सहायक उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद नूर-ए-आलम ने कहा कि उच्चायोग के सामने अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। नियमित जांच के लिए चौकियां भी बनाई गई हैं।

बांग्लादेश में भारतीय टीवी चैनलों पर बैन लगाने की मांग ढाका हाईकोर्ट में सभी भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक रिट याचिका दायर की गई है। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक याचिका दायर करने वाले वकील अखलाक भुइयां की याचिका में स्टार प्लस, रिपब्लिक बांग्ला समेत सभी भारतीय चैनलों पर बैन लगाने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भारतीय चैनलों पर भड़काऊ खबरें प्रसारित हो रही हैं।

हमलों के डर से इस्कॉन ने 4 प्रमुख शहरों में कार्यक्रम बंद किए बांग्लादेश में इस्कॉन के अनुयायियों में दहशत बनी हुई है। हमलों की आशंका के चलते इस्कॉन ने ढाका को छोड़कर चटगांव, कुश्तिया, खुलना और मयमनसिंह शहरों में मंदिर के बाहर अपने सभी कार्यक्रम बंद कर दिए हैं।

इस्कॉन के एक अनुयायी सुजान ने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना जारी है, लेकिन इस्कॉन के अनुयायी और संतों ने भगवा कपड़ों में मंदिर से बाहर निकलना बंद कर दिया है, वे अब सादे कपड़ों में ही बाहर जा रहे हैं। उन्हें डर है कि भगवा कपड़ों में देखकर उन्हें तरह-तरह की टिप्पणियों और हमलों का सामना करना पड़ेगा।

बांग्लादेश में इस्कॉन के 75 से ज्यादा मंदिर हैं। उनके 60 हजार फुल टाइम मेंबर हैं जबकि 2 लाख से ज्यादा प्राइमरी मेंबर हैं।

कौन हैं चिन्मय प्रभु? चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का असली नाम चंदन कुमार धर है। वे चटगांव इस्कॉन के प्रमुख हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच 5 अगस्त 2024 को PM शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाएं हुईं।

इसके बाद बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए सनातन जागरण मंच का गठन हुआ। चिन्मय प्रभु इसके प्रवक्ता बने। सनातन जागरण मंच के जरिए चिन्मय ने चटगांव और रंगपुर में कई रैलियों को संबोधित किया। इसमें हजारों लोग शामिल हुए।

क्यों गिरफ्तार हुए चिन्मय प्रभु? 25 अक्टूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में सनातन जागरण मंच ने 8 सूत्री मांगों को लेकर एक रैली की थी। इसमें चिन्मय कृष्ण दास ने भाषण दिया था। इस दौरान न्यू मार्केट चौक पर कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर ‘आमी सनातनी’ लिखा हुआ था।

रैली के बाद 31 अक्टूबर को बेगम खालिदा जिया की ‌BNP पार्टी के नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है।

बांग्लादेश में पिछले दिनों में क्या-क्या हुआ?

26 नवंबर चिन्मय प्रभु की जमानत याचिका खारिज चटगांव में इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्यम कृष्ण दास प्रभु की जमानत खारिज हुई। इसके बाद कोर्ट परिसर के बाहर हिंसा भड़क गई। इसमें वकील सैफुल इस्लाम की जान चली गई।

भारत ने नाराजगी जाहिर की चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत ने नाराजगी जाहिर की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए सही मांगें करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं।

बांग्लादेश इस्कॉन के धर्मगुरु जमानत याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट से बाहर आते हुए।

बांग्लादेश इस्कॉन के धर्मगुरु जमानत याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट से बाहर आते हुए।

27 नवंबर

इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग बांग्लादेश हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई। याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग शामिल हैं। ऐसे में इस संस्था को बैन किया जाए। इस अर्जी में चटगांव में इमरजेंसी घोषित करने की भी मांग की गई थी।

28 नवंबर

इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग खारिज ढाका हाईकोर्ट ने 28 सितंबर को इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। अदालत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि इस्कॉन की गतिविधियों के खिलाफ हमने जरूरी कदम उठाए हैं। यह मुद्दा सरकार की प्राथमिकता है।

शेख हसीना ने चिन्मय की रिहाई की मांग बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी गुरुवार को इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए अंतरिम सरकार से उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा। हसीना ने कहा कि सनातन धर्म के एक प्रमुख नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है।

इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से नाता तोड़ा इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से खुद को अलग कर लिया। महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि अनुशासन भंग करने की वजह से चिन्मय को पहले ही संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया था। वह उनके किसी भी बयान या प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी नहीं लेते।

चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर बयान देते हुए इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी।

चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर बयान देते हुए इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी।

29 नवंबर

भारत का इस्कॉन चिन्मय प्रभु के समर्थन में आया इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की भारतीय शाखा ने कहा कि चिन्मय प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वे उनके अधिकार और बोलने की आजादी का समर्थन करते हैं। संगठन ने कहा कि हमने खुद को चिन्मय प्रभु से दूरी नहीं बनाई है और न ही ऐसा करेंगे।

भारत बोला- बांग्लादेश सरकार हिंदुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले बांग्लादेश में इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी और हिंदुओं के हालात पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर अपना विरोध जताया है।

30 नवंबर

हिंदू धर्मगुरु श्याम दास प्रभु गिरफ्तार चटगांव में इस्कॉन से जुड़े एक और धर्मगुरु श्याम दास प्रभु को गिरफ्तार किया गया। श्याम जेल में बंद चिन्मय दास से मिलने गए थे। उन्हें बिना वारंट के गिरफ्तार कर लिया गया। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने इसकी जानकारी दी।

श्याम दास प्रभु को बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया।

श्याम दास प्रभु को बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया।

1 दिसंबर

बांग्लादेश में 83 इस्कॉन सदस्यों को भारत जाने से रोका बांग्लादेश की इमिग्रेशन पुलिस ने वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत जा रहे इस्कॉन के 54 सदस्यों को बॉर्डर पर रोक दिया। ये लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने भारत जा रहे थे। इसे लेकर इमिग्रेशन पुलिस का कहना है कि उनके पास भले ही वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन गवर्नमेंट की स्पेशल परमिशन नहीं थी। अगले दिन इस्कॉन के 29 लोगों भारत आने से रोका गया।

2 दिसंबर

ममता ने बांग्लादेश में शांति सेना भेजने की मांग की पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में शांति सेना भेजे जाने की मांग की। ममता ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को संयुक्त राष्ट्र से बातचीत करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि PM मोदी को विदेशी धरती पर अत्याचार का सामना कर रहे भारतीयों को वापस लाना चाहिए।

त्रिपुरा में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन के कार्यालय में तोड़-फोड़ त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन के ऑफिस में तोड़-फोड़ की गई। ऑफिस के बाहर हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन आयोजित किया था। बांग्लादेश ने नाराजगी जताई और भारत से गहन जांच की मांग की।

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बांग्लादेश बोला-चिन्मय की गिरफ्तारी पर भारत का बयान बेबुनियाद, कहा-तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया

बांग्लादेश में इस्कॉन के धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान पर बांग्लादेश का भी जवाब आया है। बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा- ये बेहद दुख की बात है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है। पूरी खबर पढ़ें…

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त्रिपुरा में बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन में घुसपैठ:भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया अफसोसजनक, सुरक्षा बढ़ाई गई

भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन में हुई घुसपैठ की निंदा की। मंत्रालय ने कहा- आज अगरतला में बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुसपैठ की घटना बहुत ही अफसोसजनक है। किसी भी हालात में डिप्लोमैटिक और कांसुलर प्रॉपर्टी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

बयान में आगे कहा गया- सरकार दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन और देश भर में अन्य बांग्लादेशी डिप्टी और असिस्टेंट हाई कमीशन की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए कार्यवाई कर रही है। पूरी खबर पढ़ें…

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