नरसिंहपुर जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र में फोरम ऑफ केवीके एंड एआईसीएआरपी के नेतृत्व में गुरुवार को एक दिवसीय देशव्यापी विरोध और कलम बंद हड़ताल का आयोजन किया गया। यह हड़ताल आईसीएआर और नियोक्ता की ओर से कृषि विज्ञान केन्द्रों के कर्मचारियों के साथ किए
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केंद्र के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले चार महीनों से वेतन और अन्य भत्तों का भुगतान रोक दिया गया है। इसमें पेंशन अंशदान, मेडिकल अलाउंस, अवकाश नकदीकरण, ग्रेच्युटी, पदोन्नति और पेंशन जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं शामिल हैं।
5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस पर केंद्र के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने हड़ताल करते हुए कहा कि वे हर साल इस दिन किसानों को कृषि तकनीकों और नवाचारों की जानकारी देते रहे हैं। लेकिन इस बार, वेतन न मिलने और अन्य सुविधाओं के रोक दिए जाने से मजबूर होकर उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ा।
इस हड़ताल में डॉ. विशाल मेश्राम, डॉ. आशुतोष शर्मा, डॉ. एस.आर. शर्मा, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. निधि प्रजापति, डॉ. विजय सिंह सूर्यवंशी, रजनीप्रभा कोरी, राजकुमार विश्वकर्मा, और नरेन्द्र प्रसाद रैकवार सहित केंद्र के कई वैज्ञानिक और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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