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अफसरों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे वाहन चालक: आरटीओ से कार्ड मिलना बंद, फिर भी 2 माह में लोगों से वसूली 14.59 लाख फीस – Sagar News

जिले के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में दो माह बाद भी शासन के नए नियमों का पालन शुरू नहीं हो सका है। यहां मनमाफिक आधे पुराने और आधे नए नियमों से कामकाज चल रहा है। विभाग ने देशभर में कार्यालय से वाहन रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड जारी करना बंद

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विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दो माह में वाहन चालकों से रजिस्ट्रेशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड की फीस के रूप में 14 लाख 59 हजार रुपए वसूल चुके हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार आरटीओ में 1 अक्टूबर से केंद्रीय परिवहन विभाग ने ई-कॉपी सिस्टम यानी डिजिटल कार्ड व्यवस्था शुरू कर दी है। इसके तहत आरटीओ में वाहनों के पंजीयन और स्थायी ड्राइ‌विंग लाइसेंस के कार्ड बनना बंद हो गए हैं। लिहाजा यह कार्ड वाहन रजिस्ट्रेशन कराने या नया लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को जारी भी नहीं किए जा रहे हैं।

इसके बदले मोबाइल पर लिंक दी जा रही है। जबकि कार्ड बनवाने की फीस नियमानुसार वसूली जा रही है। यहां सवाल यह उठता है कि जब कार्ड जारी ही नहीं किया जा रहा है तो फीस किस बात की ?

दो माह में 5 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन और 1900 से ज्यादा लाइसेंस बने केंद्रीय परिवहन विभाग ने 1 अक्टूबर से व्यवस्था में बदलाव किया है। सूत्रों के अनुसार आरटीओ में रोज 100 से ज्यादा वाहनों के रजिस्ट्रेशन और 30 से 40 लोगों के नए ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। इस हिसाब से अक्टूबर और नवंबर माह में करीब 5 हजार नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन और 1900 से ज्यादा लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए हैं।

पुराने नियम के अनुसार दोनों तरह के कार्ड की फीस 200 रुपए तय है। इस लिहाज से दोनों तरह के कार्यों की फीस के एवज में विभाग के अफसरों ने लोगों से 14 लाख 59 हजार रुपए वसूल लिए हैं। जबकि लोगों को कार्ड के एवज में मोबाइल पर लिंक जारी की जा रही है। इस लिंक के माध्यम से लोगों को बाजार से कार्ड बनवाने का शुल्क अलग से चुकाना पड़ रहा है। कुल मिलाकर एक कार्ड के लिए लोगों को दो जगह पैसे चुकाने पड़ रहे हैं।

स्मार्ट चिप कंपनी से अनुबंध खत्म होने से बदली व्यवस्था विभाग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार आरटीओ कार्यालयों के साथ मिलकर कार्ड बनाने का काम कर रही स्मार्ट चिप कंपनी का कुछ महीने पहले आरटीओ के साथ अनुबंध खत्म हो गया है। अवधि समाप्त होने के बाद भी एक्सटेंशन के आधार पर कंपनी का काम चलता रहा। लेकिन 30 सितंबर को एक्सटेंशन अवधि भी खत्म होने के बाद कंपनी ने काम करना बंद कर दिया। 1 अक्टूबर से आवेदक के मोबाइल पर रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की डिजिटल लिंक यानी ई-कॉपी आने लगी है, जो सभी जगह मान्य होगा।

इस माह के अंत तक बदलाव हो सकता है कार्ड बनने में परेशानी आने के कारण शासन ने यह फैसला लिया है कि अब ऑनलाइन लिंक जारी की जाएगी ताकि वाहन चालकों को असुविधा नहीं हो। अभी शासन स्तर पर फीस के संबंध में चर्चा चल रही है। संभवतः इस सप्ताह या माह के अंत तक कार्ड की फीस लगना बंद हो जाएगी। सुनील शुक्ला, आरटीओ सागर

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