राजा राम की नगरी ओरछा में श्रीराम-जानकी के विवाह का उत्सव मनाया गया। शुक्रवार की सुबह से मंदिर में दर्शन के श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। शाम के 7.30 बजते ही मंदिर के अंदर व बाहर सशस्त्र सलामी के बाद राजसी ठाटबाट के साथ श्रीरामराजा सरकार की वरयात्
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सिर पर बुंदेली परंपरा अनुसार दूल्हा सरकार को खजूर का मुकुट लगाया, तिलक किया और खौर निकालने के बाद पालकी में बैठाया। ढोल नगाड़े, दुलदुल घोड़ी, रावला, रमतूला के बीच भगवान राम अपनी जानकी को ब्याहने के लिए जनक मंदिर के लिए निकले तो नगर के हर द्वार पर दूल्हा सरकार का मंगल गीत गाकर तिलक किया गया।
पूरी रात हुईं विवाह की रस्में राजसी चिह्न तिकौना, छड़ी, पताका, छत्र व मशाल के साथ दूल्हा सरकार की पालकी नगर भ्रमण के बाद मुख्य चौराहे पर स्थित जनक भवन मंदिर पहुंची। जहां मंदिर के पुजारी हरीश दुबे ने राजा जनक के रूप में दूल्हा सरकार का तिलक किया। जहां वैदिक मंत्रों के साथ पुजारियों ने पूरी रात विवाह की रस्में पूरी करवाईं।
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