वेदांताचार्य गिरिराज शास्त्री।
गीता जयंती के अवसर पर नगर निगम प्रांगण में गीता उत्सव मनाया जा रहा है। वहीं कल्लनगंज स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में दोपहर 2 बजे से भागवत कथा होने वाली है। आयोजन पूर्व निमाड़ सामाजिक सांस्कृतिक सेवा समिति के तत्वावधान में हो रहा है। श्रीमद् भागवत
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गीता का ज्ञान हमें जीवन जीने की कला सिखाता है, धर्म स्थापना के लिए मानव इतिहास में हुए सबसे भीषण महायुद्ध के बीच भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का ज्ञान आज भी अमृत रूप में प्रवाहित हो रहा है। श्रीमद् भगवत गीता केवल अर्जुन के लिए नहीं, सनातन समाज के लिए नहीं बल्कि विश्व मानवता के शुभ के लिए ईश्वरीय संदेश है। गीता के माध्यम से व्यक्ति स्वयं को जान सकता है और ईश्वरीय सत्ता का अनुभव भी कर सकता है।
गीता जयंती मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह वही दिन है जब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। गीता जयंती का महत्व इस बात में भी निहित है कि यह हमें याद दिलाता है कि जीवन में सही मार्ग का चयन करना कितना महत्वपूर्ण है। गीता हमें सिखाती है कि कर्म ही पूजा है और हमें अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जीवन जीना चाहिए।
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