गुकेश ने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीती7 साल की उम्र से शतरंज खेल रहे हैं गुकेशविश्वनाथन आनंद को अपना आदर्श मानते हैं गुकेश
भारत के 18 वर्षीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी गुकेश डोमाराजू सिंगापुर में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में डिंग लिरेन को 7½-6½ से हराकर इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गये.
विश्व खिताब के लिए खेल रहे सबसे कम उम्र के दावेदार किशोर ने 14 सर्वश्रेष्ठ क्लासिक खेलों के फाइनल में गत चैंपियन डिंग को हराने के लिए जरूरी अंक प्राप्त किए. उन्हें 2.5 मिलियन डॉलर का इनाम मिला.
आखिर क्या गुकेश के केवल 11 सालों में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने का सीक्रेट. तो यही कहा जाना चाहिए कि उनकी चेस की गजब की समझ, ध्यान, जल्दी सोना और जल्दी उठना के साथ रिलैक्स रहने के लिए म्युजिक उनके चैंपियन बनने का राज है.
वह रोज 10 बजे सो जाते हैं और 06 बजे उठते हैं. सादा खाना खाते हैं. शतरंज के लिए अलावा कहीं ध्यान नहीं भटकाते. साधारण जिंदगी जीते हैं. उनके बारे ये सर्च हो रहा है कि उनकी कोई गर्ल फ्रेंड है क्या. तो जवाब है नहीं. केवल 7 साल की उम्र में ही उन्होंने ये दिखाना शुरू कर दिया कि वह शतरंज के वंडर और जीनियस किड हैं.
आइए अब उनके बारे में जानते हैं दस ऐसी बातें, जो आपको पता नहीं होंगी.
1. परिवार और परवरिश
पिता: गुकेश के पिता डोमाराजू राजन डॉक्टर हैं और ऑर्थोपेडिक सर्जन के रूप में काम करते हैं.
माता: उनकी मां पद्मवती एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं.
दोनों माता-पिता ने गुकेश के शतरंज करियर को गंभीरता से लिया और हमेशा उनका समर्थन किया. उनकी मां उनके टूर्नामेंट्स में अक्सर साथ जाती हैं. उनकी यात्रा और अभ्यास का प्रबंधन करती हैं।
2. पढ़ाई और शिक्षा
– गुकेश का शुरुआती शैक्षिक जीवन सामान्य था, लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने शतरंज में उत्कृष्टता प्राप्त की, उनका ध्यान खेल की ओर केंद्रित हो गया.
– उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान शतरंज को प्राथमिकता दी और अकादमिक शिक्षा को इसके साथ संतुलित रखा.
– उनकी सफलता में उनके स्कूल और शिक्षकों ने भी अहम भूमिका निभाई, जिन्होंने उनकी खेल यात्राओं में सहयोग किया.
3. 07 साल में खेलना शुरू किया
– गुकेश ने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया
– उनके माता-पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें कोचिंग दिलाई.
– वह दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर्स में से एक हैं. 2019 में उन्होंने महज 12 साल, 7 महीने और 17 दिनों की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया.
4. वह विश्वनाथन आनंद से प्रेरित हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं.
5. आदतें और शौक
ध्यान और मानसिक अभ्यास: गुकेश नियमित रूप से ध्यान और मानसिक मजबूती के लिए अभ्यास करते हैं.
6. पढ़ने का शौक: उन्हें शतरंज के खेल और रणनीतियों से जुड़ी किताबें पढ़ने में रुचि है
7.म्यूजिक और खेल: तनाव कम करने के लिए वह संगीत सुनना पसंद करते हैं.
8. हेल्थ को लेकर जागरुक- वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं और अपने खेल के लिए शारीरिक फिटनेस को भी प्राथमिकता देते हैं.
9. बचपन से अनुशासित – उनकी मां ने कई बार इंटरव्यू में बताया है कि गुकेश में अनुशासन और समर्पण बचपन से ही था. उनके माता-पिता ने उनके अभ्यास के लिए शतरंज से जुड़े सभी संसाधन उपलब्ध कराए
10.गुकेश एक शांत और विनम्र व्यक्तित्व के धनी हैं.
– शतरंज में उनकी सफलता के बावजूद, वह बेहद सादगी से जीवन जीते हैं और सामाजिक समारोहों से दूर रहते हैं ताकि अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें. हर जीत का श्रेय अपने माता-पिता और कोच को देते हैं.
Tags: Chess Champion, Chess Youngest Grandmaster, World Chess Championship
FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 19:44 IST
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