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Digital Arrest: ‘कैसे पकड़ा, बता दो ताकि सुधार कर सकें’… डिजिटल अरेस्ट से ठगी की नाकाम कोशिश करने वाले अब लोगों से पूछ रहे

Digital Arrest को लेकर अब लोग जागरूक हो गए हैं। इसके कई उदाहरण सामने आए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल में रोचक किस्सा सामने आया है। यहां ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए युवक को फंसाने की कोशिश की, लेकिन युवक साजिश को समझ गया। इस पर ठग ने जो सवाल पूछा वह चर्चा में है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Sun, 15 Dec 2024 10:01:13 AM (IST)

Updated Date: Sun, 15 Dec 2024 01:21:25 PM (IST)

HighLights

  1. भोपाल में डिजिटल अरेस्ट के प्रति बढ़ी जागरूकता
  2. दो माह में एक दर्जन प्रयास, आठ मामले में विफल
  3. ठगों ने अवैध वसूली के लिए फोन किए थे फोन कॉल

नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश राजधानी में साइबर अपराध के प्रति बढ़ती जागरूकता लोगों को ठगी से बचा रही है। शहरवासियों को बीते करीब दो महीने में एक दर्जन बार डिजिटल अरेस्ट के लिए साइबर ठगों के फोन पहुंचे हैं, लेकिन उनमें से आठ मामलों में जागरूक लोगों ने ठगों के जाल को पहचान लिया और खुद को ठगी से बचाने में सफल हुए।

ऐसा ही एक मामला गुरुनानक नगर में रहने वाले एक ग्राफिक डिजाइनर युवक अनिरुद्ध बापट के साथ भी हुआ। शुक्रवार को अनिरूद्ध के पास साइबर ठग का फोन आया था। ठग ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और अनिरूद्ध पर अवैध वसूली के लिए फोन करने का आरोप लगाया।

ई- वेरिफिकेशन के नाम पर मांगी थी जानकारी

अनिरुद्ध ने बताया, ‘फोन प्लस 97 के नंबर से आया था, जिससे मैं शुरुआत में ही समझ गया था। उसके बाद आईवीआरएस और फिर टेलीकॉम कंपनी के प्रतिनिधि ने बात की। उसने बताया कि आपके नंबर से अवैध वसूली के लिए फोन गए हैं, दो घंटे में मुंबई क्राइम ब्रांच पहुंच जाएं, नहीं तो हम घर आकर गिरफ्तार कर लेंगे।’

‘मैंने आने में असमर्थता जताई तो उसने बोला कि मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी से वीडियो कॉल पर बात करें। उनका फोन पांच मिनट बाद आया था। मैं समझ चुका था कि मामला फर्जी है, तो मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की।’

‘कॉल पर पूरा सेटअप थाने का दिख रहा था। उसने ई-वैरीफिकेशन का बोलाकर 15 मिनट में मेरी जानकारी लेना शुरू की। जब वह आधारकार्ड मांगने लगा, तो मैंने सोचा कि आगे बात नहीं करूंगा।’

‘तब मैंने पूछा कि काफी मेहनत लगती होगी सेटअप जमाने में। मेरा यह बोलना था कि वह पीछे पड़ गया कि बताओ कैसे पकड़ा। उसने यह भी पूछा कि जब आपको पता चल गया था कि हम फर्जी हैं तो इतने समय तक बात क्यों की। तब मैंने उसे बोला, ताकि तुम इतने समय में किसी और को फोन नहीं कर सको।’

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पहले भी हो चुका था डिजिटल अरेस्ट का प्रयास

अनिरुद्ध ने बताया कि चार महीने पहले भी मुझे इसी तरह डिजिटल अरेस्ट के लिए कॉल आया था। तब झांसा दिया गया कि कस्टम में आपका पार्सल पकड़ा गया है। मैं समाचार पत्रों के माध्यम से पहले से अवगत था। इसलिए उस मामले को थोड़ी देर बाद समझ गया था। परंतु इस बार फोन आने पर पहले ही मुझे ठगी का अंदेशा हो गया था।

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