ग्वालियर की एक महिला ने पाकिस्तानी साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट से बचने में तत्परता दिखाई। ठगों ने भांजे की गिरफ्तारी का झांसा देकर पैसे मांगने की कोशिश की। महिला ने पति को सूचना दी, जिन्होंने समझदारी से ठगों का नंबर ब्लॉक कर दिया। ठगी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हुआ।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Sun, 15 Dec 2024 05:04:38 PM (IST)
Updated Date: Sun, 15 Dec 2024 05:04:38 PM (IST)
HighLights
- साइबर ठगों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट किया
- भांजे की गिरफ्तारी का बहाना बनाकर पैसे मांगे
- AI से भांजे की हूबहू आवाज का इस्तेमाल किया
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: ग्वालियर में दवा कारोबारी बाबी पारप्यानी की पत्नी संगीता पारप्यानी को पाकिस्तानी साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट में फंसा लिया। ठगों ने खुद को आगरा सदर थाने का सब-इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि उनका भांजा देवांश रेप के मामले में पकड़ा गया है।
ठगों ने धमकाकर पैसे मांगने के लिए क्यूआर कोड भेजा और वीडियो कॉल के माध्यम से देवांश की हूबहू आवाज में बात कराई। संगीता ने समय पर तत्परता दिखाते हिए पाकिस्तानी सायबर ठगों के डिजिटल अरेस्ट से बाहर निकल आईं। जिस फोन नंबर से कॉल आया था वह पाकिस्तान का है।
रेप के मामले में फंसा होने की धमकी
कारोबारी बाबी पारप्यानीदवा ने नईदुनिया को बताया कि “शनिवार दोपहर करीब 12 बजे की बात होगी। मैं अपनी दुकान पर ही बैठा था, पत्नी ऊपर थी। अचानक अनजान नंबर से पत्नी के पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह आगरा के सदर थाने से सब इंस्पेक्टर विजय कुमार बोल रहा है। उनका भांजा देवांश रेप के मामले में तीन आरोपितों के साथ पकड़ा गया है।”
“फिर वीडियो कॉल आया, वीडियो कॉल जिस नंबर से आया, वह नंबर पाकिस्तान के कंट्री कोड वाला था। पत्नी को धमकाना शुरू कर दिया। फिर क्यूआर कोड भेजकर कहा कि अगर भांजे को बचाना है तो तुरंत इस क्यूआर कोड पर रुपये भेजने होंगे। संगीता ने कहा कि मैं अपने पति से बात करा रही हूं तो वह लोग बोले कि किसी को भी नहीं बताना है।”
एक घंटे तक कमरे में डिजिटल अरेस्ट रखा
करीब एक घंटे तक कमरे में ही उसे डिजिटल अरेस्ट कर लिया। अचानक संगीता मेरे पास आ गई। मुझसे रोते हुए बोली कि देवांश पकड़ा गया है, उसे बचा लो। वह घबराई हुई थी। मैंने उससे कहा कि देवांश के पापा को फोन करो तो वह मुझे रोकने लगी। उसे मैंने तसल्ली से समझाया। फिर मैंने पत्नी से मोबाइल लेकर खुद बात करना शुरू की। चंद सवाल किए तो वह हड़बड़ाने लगा। फिर मैंने फोन काटा और नंबर ब्लॉक किया।
आवाज भी हूबहू भांजे जैसी ही थी
बाबी ने नईदुनिया को बताया कि वह ठग था, यह तो हम समझ गए और उससे बच गए लेकिन यह समझ नहीं आया कि आखिर उसे कैसे पता था कि संगीता के भांजे का नाम देवांश है। उसे यह भी पता था कि दो बेटियां हैं. फिर संगीता से बात कराई, वह आवाज हूबहू देवांश की थी, उसके रोने की आवाज उसने सुनी। बचाने की बात भी कही। यह सबकुछ बिलकुल असली जैसा था।
साइबर एक्सपर्ट का कहना है- यह सबकुछ आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये संभव है। ठग अब तमाम टूल्स का इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहे हैं।
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