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डॉक्टर ने 42 टांके लगाकर जोड़े सिर से उखड़े बाल: बच्ची को बचाने में झूलेवाले के पैर में भी फ्रैक्चर, पुलिस ने 20 घंटे बाद भी केस दर्ज नहीं किया – Tikamgarh News

टीकमगढ़ के मेले में झूला झूलते समय जिस 13 साल की बच्ची के बाल चमड़ी सहित सिर से उखड़ गए थे, झांसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने 42 टांके लगाकर उसके बाल सिर में लगा दिए हैं। अब बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि बच्ची को बचाते सम

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​​दिगौड़ा थाना क्षेत्र के कुर्राई और बर्मा ताल गांव के बीच प्राचीन बगराज माता मंदिर में शतचंडी महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा, रामलीला का आयोजन चल रहा था। रविवार को इसका भंडारे के साथ समापन हुआ। यहां मेला भी लगा था। मेले में बैदऊ गांव की रहने वाले बच्ची खुशी उर्फ चाहत अन्य बच्चों के साथ पहुंची थी।

झूले में बाल फंसने के बाद इस तरह चमड़ी सहित पूरे बाल निकल गए थे।

जैसा ही झूला घुमाया, चोटी फंस गई बच्ची के पिता रामकुमार सेन ने बताया कि बेटी खुशी उर्फ चाहत मोहल्ले के बच्चों के साथ रविवार दोपहर करीब 3 बजे बगराजन मंदिर में लगे मेला में गई थी। मेले में वह झूले पर बैठ गई। झूला चार पालकी वाला हाथ से घुमाने वाला था। बच्ची के बाल खुले थे। जैसे ही झूले वाले ने झूला तेज घुमाया तो बच्ची की चोटी फंस गई और सिर के बाल चमड़ी सहित उखड़ गए। गंभीर हालत में उसे लेकर रविवार शाम करीब 6 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद उसे झांसी रेफर किया गया था। वहां प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां डॉक्टरों ने माथे से लेकर सिर पर 42 टांके लगाए हैं।

बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद झांसी भेज दिया गया।

बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद झांसी भेज दिया गया।

टांके लगाकर झांसी रेफर किया टीकमगढ़ के दिगौड़ा स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी डॉक्टर विजय शंकर अहिरवार ने बताया कि बच्ची के माथे के ऊपर से चमड़ी सहित बाल उखड़ गए थे। तुरंत टांके लगाकर पट्टी बांधकर प्राथमिक उपचार किया गया। हालत गंभीर होने के चलते झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। तेजी के साथ झटका लगने के कारण ऐसा हुआ है। ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं।

बच्ची को झांसी ले जाते परिजन।

बच्ची को झांसी ले जाते परिजन।

झूले वाले का भी पैर फ्रैक्चर जतारा एसडीओपी अभिषेक गौतम ने बताया कि मेले में बबीना के रहने वाले जसवंत पिता इमरत नट ने हाथ से चलने वाला चार पालकी वाला झूला लगाया था। हादसे के दौरान जसवंत ने तुरंत ऊपर चढ़कर झूला रोका। इस दौरान उसके पर में भी फ्रैक्चर हो गया है। उसे भी झांसी रेफर किया गया है। बच्ची के परिजन झांसी में इलाज कर रहे हैं। बच्ची की हालत खतरे से बाहर है। परिजन के लौटने पर बयान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

हादसे के समय इस हालत में थी बच्ची।

हादसे के समय इस हालत में थी बच्ची।

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