श्री वैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस ने इंडियन मैनेजमेंट एसोसिएशन और ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के सहयोग से “इमर्जिंग लीडर्स सिम्पोजियम (ईएलएस) 2024” का आयोजन किया। आयोजन का उद्देश्य छात्रों और प्रतिभागियों को नेतृत्व कौशल और व्यावसायिक द
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संस्थान के निदेशक डॉ. जॉर्ज थॉमस ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, “सिम्पोजियम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जहां विचार साझा किए जाते हैं, दृष्टिकोण को शोधित किया जाता है और साझेदारी को बढ़ावा दिया जाता है। याद रखें, नेतृत्व केवल खुद को आगे बढ़ाने का नाम नहीं है, बल्कि दूसरों को साथ लेकर चलने और सफलता के लिए सामूहिक दृष्टि बनाने का भी नाम है।”
नेतृत्व और मैनेजमेंट के बदलते परिदृश्य पर चर्चा
प्रमुख वक्ता सीए नवीन खंडेलवाल, अध्यक्ष, इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन ने नेतृत्व और मैनेजमेंट के बदलते परिदृश्य पर चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को मेड -मेक अ डिफ्रेंस, सिप -छोटे कदम बड़े इरादे, 3सी – चेंज, कंसिस्टेंसी और कम्पाउंडिंग की शक्ति में विश्वास करने का मंत्र दिया। डॉ. प्रीति खंडेलवाल, ट्रायथलीट और पार्टनर, ट्रैवल फंडा ने जीवन में संतुलन और अनुशासन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने नेतृत्व मे आत्मविश्वास और दृढ़ता के गुणों पर जोर दिया और स्वस्थ जीवन के लिए स्व-प्रबंधन, समय प्रबंधन, निरंतरता और जागरूकता पर बल दिया।
विचार व्यक्त करते हुए विशेषज्ञ
जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को जोड़ना जरूरी
मुख्य वक्ता मनोज धनोतिया, संस्थापक और सीईओ, माइक्रोमिट्टी ने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को जोड़ने पर चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया की अपने काम के प्रति जुनून रखें और “स्वार्थी” बनें, यानी अपने लक्ष्यों के लिए समर्पित रहें। पढ़ाई और शोध को प्राथमिकता दें क्योंकि यह प्रथम पीढ़ी के उद्यमियों के लिए सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। विपुल अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, सीईओ, सुनील अग्रवाल एंड एसोसिएट्स ने सकारात्मक सोच के महत्व पर जोर देते हुए कहा की अपने लक्ष्यों के प्रति सोच को सकारात्मक रखें, बड़े सपने देखें और उन्हें प्राप्त करने के लिए मेहनत करें। अपनी टीम और अपने करीबियों का ध्यान रखें क्योंकि सफलता में उनका महत्वपूर्ण योगदान होता है। अजीत पाटिल, डिलीवरी डायरेक्टर, फ्यूजन जीबीएस, इंडिया ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि अपने लक्ष्यों को सरल, छोटे और प्राप्त करने योग्य रखें, अपने डर को स्वीकार करें और अपने प्रयासों को सराहें, सफलता का जश्न जरूर मनाएं।
अपनी बात रखते हुए एक वक्ता
प्रतिभागियों को अपने विचार साझा करने का अवसर दिया
सिम्पोजियम में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें नेतृत्व के विभिन्न आयामों और चुनौतियों पर चर्चा हुई जिसे डॉ. राधिका सिंह निरंजन एवं दीप्ति तलरेजा ने किया। इसके साथ ही प्रतिभागियों को अपने दृष्टिकोण और विचार साझा करने का अवसर भी प्रदान किया गया। सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट्स भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम में कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष डॉ. क्षमा पैठणकर, प्रबंधन प्रमुख (यूजी) डॉ. दीपा कटियाल, प्राध्यापक एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे। मंच का संचालन कृतिका कसेरा एवं लीशा पहारिया ने किया। आभार कार्यक्रम की संयोजक प्रबंधन प्रमुख (पीजी) डॉ. मंदीप गिल ने माना।
मंच पर बैठे विशेषज्ञ वक्ता
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