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GST Return: जीएसटी में नए पुराने रिटर्न फार्म में उलझे व्यापारी, जमा करना हुआ मुश्किल

स्टेट जीएसटी के अनुसार जीएसटी नेटवर्क (GST portal) दिल्ली से संचालित होता है। बदलाव का प्रस्ताव दिल्ली भेजा गया है। विभाग के कहने पर सुझाव दे दिया है कि पुरानी और नई आईटीसी को दर्शाने के लिए रिटर्न में एक कालम नया जोड़ दिया जाए। इससे व्यापारी पुराने नए ब्यौरे को दर्शा सकेंगे और मिसमैच की स्थिति नहीं बनेगी।

By Prashant Pandey

Publish Date: Wed, 18 Dec 2024 06:45:00 PM (IST)

Updated Date: Wed, 18 Dec 2024 06:45:06 AM (IST)

लेखा पुस्तकों के आंकड़े से आईटीसी का हिसाब दिखा रहा जीएसटी सिस्टम।

HighLights

  1. परेशानी में कारोबारी, रिटर्न फार्म बता रहा मिसमैच।
  2. वार्षिक रिटर्न फार्म में बदलाव करना ही भूल गया।
  3. विभाग को शिकायत कर इस बारे में ध्यान दिलाया।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(GST New Return Form)। व्यवसायी और कारोबारियों के वार्षिक जीएसटी रिटर्न फार्म (जीएसटीआर-9) में नई परेशानी खड़ी हो गई है। व्यापारी वार्षिक रिटर्न में अपनी इनपुट टैक्स क्रेडिट का सही हिसाब दे रहे हैं तो भी ऑनलाइन रिटर्न फार्म उसमें मिसमैच बता रहा है।

कारण बना है, जीएसटी ने बीते दिनों मासिक रिटर्न प्रणाली में तो बदलाव कर दिया लेकिन वार्षिक रिटर्न का फार्म पुराने प्रारुप का ही रखा गया।व्यापारी परेशान है और रिटर्न भरने में पसीना-पसीना हो रहे हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट व कर सलाहकार खुद विभाग को समझाने पहुंच रहे हैं कि गलती कैसे सुधारे।

इसी साल जारी किया मासिक फार्म 2-बी

वित्त वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट का हिसाब एक ही फार्म 2-ए के आधार पर होता था। इस फार्म में आपूर्ति कर्ता व्यापारी द्वारा चुकाए गए टैक्स-क्रेडिट का हिसाब आ जाता था। इसी के आधार पर वार्षिक रिटर्न फार्म का प्रारुप बना था और बीते वर्षों तक वह भरा जाता रहा। इसी साल जीएसटी में एक और मासिक फार्म 2-बी जारी कर दिया गया।

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इस फार्म में व्यापारी की आईटीसी का हिसाब आटोमैटिक सिस्टम से आने लगा। मासिक रिटर्न फार्म बदलने वाला जीएसटी नेटवर्क वार्षिक रिटर्न फार्म में बदलाव करना ही भूल गया।

अब नए मासिक फार्म 2-बी के चलते वार्षिक रिटर्न जमा करने की कोशिश जब व्यापारी कर रहे हैं तो उनका इनपुट टैक्स क्रेडिट का मिलान लेखा पुस्तकों से नहीं हो रहा है। व्यापारी और कर सलाहकारों ने जीएसटी को शिकायत की है। जीएसटी ने कर सलाहकारों से ही सुझाव मांग लिए हैं कि वे ही बता दें कि सुधार कैसे किया जा सकता है।

डर है नोटिस मिलेंगे

मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन लखोटिया के अनुसार वार्षिक रिटर्न जमा करने वाले व्यापारी अपने इनपुट टैक्स का सही हिसाब भर रहे हैं जो कि लेखा पुस्तकों में है। इसके बाद भी वार्षिक रिटर्न में वह मैच नहीं हो रहा। ऐसा इसलिए हुआ कि नया फार्म 2-बी का प्रारुप आने के कारण बीते वर्षों की इनपुट टैक्स क्रेडिट भी इस साल के रिटर्न में दिख रही है।

शिकायत कर ध्यान दिलाया

पुराने फार्म से यदि इसी स्थिति में रिटर्न भरा गया तो व्यापारी के पास मिसमैच के नोटिस पहुंचने लगेंगे। विभाग की ही गलती पर बार में व्यापारी को जवाब देकर समझाना पड़ेगा और परेशानी होगी सो अलग। विभाग में इस बारे में शिकायत कर ध्यान दिलाया गया है।

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