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भोपाल में पुष्य नक्षत्र में विशेष गणेश चतुर्थी व्रत: विद्यार्थियों के लिए विद्या-बुद्धि के देवता को प्रसन्न करने का अवसर – Bhopal News

इस वर्ष गणेश चतुर्थी का व्रत 18 सितंबर(बुधवार) को विशेष रूप से मनाया जाएगा। खास बात यह है कि यह दिन बुधवार है, जो कि भगवान गणेश जी का दिन है, साथ ही व्रत पुष्य नक्षत्र में पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम के अनुसार, इस दिन गणेश जी की पूजा और

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खरमास में मांगलिक कार्यों पर रोक

पं. विनोद गौतम ने बताया कि वर्तमान में खरमास का समय चल रहा है, जो एक माह तक रहेगा। इस दौरान सूर्य का धनु राशि में प्रवेश हो चुका है, जिससे गुरु बल में कमी आ जाती है। इस कारण मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, आदि पर रोक होती है। खरमास में केवल पुण्य कार्य जैसे भागवत कथा, स्नानदान और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने के बाद 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में प्रवेश करने पर खरमास समाप्त होगा, तब मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो सकेंगे।

खरमास का धार्मिक महत्व

खरमास को संधि कालिक माह माना जाता है, जब ऋतु चक्र बदलता है। इस समय पूजा, पाठ, हवन और देव आराधना का विशेष महत्व है। इस समय सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायन के संधि काल में धार्मिक गतिविधियां अधिक फलदायक मानी जाती हैं।

गणेश चतुर्थी पर विशेष पूजा विधि

पंडित विनोद गौतम ने बताया कि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा अर्पण करने का विशेष महत्व है। इस दिन की पूजा से विशेष रूप से विद्या और बुद्धि के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

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