रिपोर्ट के अनुसार, जूनो ने बीते शनिवार को बृहस्पति के चंद्रमा आईओ के करीब से अपना आखिरी चक्कर पूरा किया। इससे पहले पिछले साल 30 दिसंबर को जूनो स्पेसक्राफ्ट, आईओ के करीब पहुंचा था। तब भी उसने आईओ की तस्वीरें ली थीं।
पिछली बार नजदीकी उड़ान के दौरान जूनो स्पेसक्राफ्ट को बहुत ज्यादा रेडिएशन का सामना करना पड़ा था। साल साल 2016 में जूनो स्पेसक्राफ्ट बृहस्पति ग्रह की कक्षा में पहुंचा था। तब से यह लगातार उसकी निगरानी कर रहा है। 8 अप्रैल 2023 को जूनो ने बृहस्पति ग्रह का 50वां क्लोज पास पूरा किया था। यानी स्पेसक्राफ्ट ने बृहस्पति के चारों ओर 50 परिक्रमाएं पूरी कर लीं। यह स्पेसक्राफ्ट बृहस्पति ग्रह के अन्य चंद्रमाओं को भी टटाेल रहा है, जिनमें गेनीमेड प्रमुख है।
क्यों गर्म है आईओ ज्वालामुखी
रिपोर्ट के अनुसार, आईओ को बृहस्पति ग्रह और उसके अन्य चंद्रमाओं की वजह से तेज गुरुत्वाकर्षण बल का सामना करना पड़ता है। इससे वहां ज्वालामुखी गतिविधियां होती हैं और ज्वालामुखी विस्फोट और लावा निकलते हैं।
जूनो स्पेसक्राफ्ट क्यों उड़ रहा आईओ के करीब
जूनो स्पेसक्राफ्ट की उड़ान का मुख्य मकसद आईओ में होने वाली ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं को समझना है। वह यह भी पता लगाना चाहता है कि क्या इसकी सतह के नीचे मैग्मा ओशियन है। पिछली उड़ान के दौरान जूनो स्पेसक्राफ्ट, आईओ के 1500 किलोमीटर तक करीब पहुंच गया था।
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2024-02-07 07:17:35
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