नासा ने ओरियन स्पेसक्राफ्ट को इस मकसद से डिजाइन किया है कि वह एक दिन अंतरिक्ष यात्रियों को डीप स्पेस में लेकर जाएगा। नासा के लेटेस्ट वीडियो में देखा जा सकता है कि ओरियन स्पेसक्राफ्ट ने जब पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री की, तो माहौल कैसा था। वीडियो में स्पेसक्राफ्ट के बाहर चिंगारी निकलती हुई दिखाई देती हैं। काफी कर्कश आवाज भी आती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हुए ओरियन स्पेसक्राफ्ट या कैप्सूल को 2,800 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान का सामना करना पड़ा। उस मिशन का एक मुख्य लक्ष्य ओरियन कैप्सूल की हीट शील्ड का परीक्षण करना भी था। ओरियन स्पेसक्राफ्ट काफी हद तक इसमें कामयाब रहा।
ओरियन कैप्सूल को सबसे पहले साल 2014 में टेस्ट किया गया था। हालांकि तब वह पृथ्वी की कक्षा में ही रहा था और 20 हजार मील प्रति घंटे की रफ्तार से वापस आया था। पिछले साल पहली बार वह चंद्रमा का चक्कर लगाकर पृथ्वी पर लौटा।
नासा के आर्टिमिस मिशन का मकसद इंसान को दोबारा चांद पर भेजना है। आर्टिमिस-1 मिशन के जरिए उसने ओरियन स्पेसक्राफ्ट को टेस्ट किया है। आने वाले आर्टिमिस मिशन में इंसान को भी रवाना किया जाएगा, लेकिन अंतरिक्ष यात्री चांद पर लैंड नहीं करेंगे। वो सिर्फ चांद का चक्कर लगाकर पृथ्वी पर लौटेंगे। इस दशक के आखिर तक नासा की योजना चांद पर इंसान को दोबारा उतारने की है।
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2023-12-14 13:37:25
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