रिपोर्ट में अलेक्जेंड्रोस फ्रांत्जिस नाम के साइंटिस्ट का हवाला दिया गया है। उनके मुताबिक, पहली बार ऐसी डॉल्फिन दिखाई दी है। जिस इलाके में अनोखी डॉल्फिन को देखा गया, वहां वैज्ञानिक बीते करीब 30 साल से सर्वे कर रहे हैं। वैज्ञानिकों की टीम ने अंगूठे वाली उस डॉल्फिन की फोटो भी खींची।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरिंथ की खाड़ी में 1300 डॉल्फिन हैं, लेकिन अनोखे फ्लिपर वाली डॉल्फिन एक ही है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि डॉल्फिन की यह कंडीशन कोई बीमारी जैसी नहीं दिखती। संभवत- उसके जीन्स के कारण फ्लिपर पर अंगूठे उभरे हैं।
कोरिंथ की खाड़ी में कई प्रजातियों वाली डॉल्फिन रहती हैं। लेकिन फ्लिपर में अंगूठे वाली डॉल्फिन एक ही है। खास बात है कि डॉल्फिन के बाएं और दाएं दोनों ही फ्लिपर्स में अंगूठे हैं। अन्य वैज्ञानिकों का भी मानना है कि यह कोई आनुवंशिक गड़बड़ी है।
डॉल्फिन की मौजूदगी दुनियाभर के साफ पानी वाले इलाकों में देखने को मिलती है। भारत में भी गंगा नदी में इनकी मौजूदगी है। एक डॉल्फिन साइज में 4 फीट से लेकर 30 फीट तक हो सकती है। गंगा में मिलने वाली डॉल्फिन को सरकार ने राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया हुआ है।
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2023-12-13 08:00:11
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