भोपाल के बिल्डर नीतेश ठाकुर के अपहरण केस की जांच अब कमला नगर पुलिस करेगी। इससे पहले मामले की जांच कोलार पुलिस कर रही थी। लेकिन केस की शुरुआत से ही कोलार पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े होते रहे। केस दर्ज होने के करीब 50 दिन बीतने के बाद अधिकारियों ने क
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इसके बाद कोलार पुलिस ने मंगलवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके चलते पुलिस कमिश्नर हरीनारायणचारी मिश्रा ने केस डायरी भोपाल के जोन-1 में स्थित कमला नगर थाने को सौंपने के आदेश जारी किए हैं। बता दें कि पिछले दिनों मुख्य आरोपी पंकज परिहार ने एक वीडियो जारी कर स्वयं को निर्दोष बताया था। इधर पुलिस ने आरोपियों पर तीस हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। मामले की एफआईआर 18 नवंबर को दर्ज की गई थी।
इस मामले में पुलिस कमिश्नर हरीनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि
केस की जांच धीमी गति से चल रही थी। लिहाजा केस को जोन-1 में ट्रांसफर किया गया है। जिससे जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जा सके।
एसआईटी कर रही थी जांच
इससे पहले केस की जांच जोन-4 की पुलिस कर रही थी। 15 दिन पहले केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। टीआई संजय सोनी सहित सात पुलिसकर्मी मामले की जांच कर रहे थे। एसआईटी का सुपरविजन एसीपी अंजली रघुवंशी कर रही थीं। एसआईटी के गठन के बाद भी जब केस की जांच में गति नहीं आई तो केस को जोन-4 पुलिस लेकर जोन-1 पुलिस के सुपुर्द किया गया है।
फरियादी ने अपहरण की घटना को लेकर ये बताया
नितेश सिंह ठाकुर ने बताया कि वह दानिश हिल कोलार में रहते हैं। भोपाल में रियल एस्टेट का काम हैं। हाल ही में मिसरोद में 32 करोड़ रुपए की एक जमीन बेची है। इसकी जानकारी उनके पूर्व परिचित संजय राजावत निवासी न्यू द्वारकापुरी, पुरानी छावनी ग्वालियर, पंकज परिहार पिपरोली गढ़िया, जिला इटावा उत्तर प्रदेश, भोपाल ट्रैफिक पुलिस के आरक्षक रहे हेमंत चौहान, ओम राजावत, निवासी पुरानी छावनी ग्वालियर और आकाश राजावत निवासी ग्वालियर को थी। हेमंत को छोड़कर फिलहाल सभी आरोपी मिनाल रेसीडेंसी में रह रहे थे और भोपाल में प्रॉपर्टी का काम कर रहे थे।
आरोपियों ने उसके अपहरण की प्लानिंग की। बहाने से उसे शादी का न्योता देकर ग्वालियर बुलाया और किडनैप कर बंधक बना लिया। इसके बाद दस करोड़ रुपए की मांग की। रकम नहीं देने पर उसे पीटा, आरोपियों ने नितेश की पत्नी से 30 लाख रुपए की वसूली भी कर ली थी।
आरोपी ने वीडियो जारी कर खुद को बताया था निर्दोष
श्रीमान मैं निर्दोष हूं…बिल्डर नीतेश ठाकुर ने हम पर झूठी एफआईआर दर्ज कराई है। होशंगाबाद रोड पर एक कीमती जमीन का सौदा किया था। नीतेश हमारा पार्टनर है। इस सौदे में हमने 30 करोड़ रुपए प्रॉफिट कमाया। नीतेश की नीयत इस रकम को हड़पने की है। एडवांस के जो दस करोड़ रुपए मिले थे, वो नीतेश ने हमें फंसाने पर खर्च कर दिए। वल्लभ भवन में पदस्थ एक आईजी के नाम से नीतेश धमकाता है। हमारे घर पुलिस टीम के साथ पहुंचता है। पुलिस के नाम से धमकाता है। नीतेश स्वयं एक अपराधी है, जिसके खिलाफ कोलार, कोहेफिजा और सीहोर में कई आपराधिक केस दर्ज हैं। हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। केस की सीआईडी जांच कराई जाना चाहिए। सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मैं निर्दोष जेल नहीं जाऊंगा, ऐसी नौबत आई तो मैं परिवार सहित वल्लभ भवन के सामने सुसाइड कर लूंगा।
यह कहना है कोलार थाने में बिल्डर नीतेश सिंह ठाकुर अपहरण के फरार आरोपियों में से एक पंकज सिंह परिहार का। पंकज ने एक वीडियो जारी कर डीजीपी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की गुहार लगाई है। यह वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है। हालांकि इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि दैनिक भास्कर नहीं करता है।
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