इस संबंध में मंत्री गडकरी ने एनएचएआइ से सड़क बनाने पर मंजूरी दी। उनका कहना है कि सड़क भले ही एनएचएआइ बनाएगा। मगर जमीन अधिग्रहण से लेकर किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रदेश सरकार को करना है। साथ ही सड़क के आसपास मूलभूत सुविधाएं भी सरकार को जुटाना होगी। यह प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूरी करना होगा।
By Kapil Niley
Publish Date: Thu, 09 Jan 2025 08:26:20 PM (IST)
Updated Date: Thu, 09 Jan 2025 08:51:00 PM (IST)
HighLights
- इस सड़क निर्माण का काम अब एनएचएआई करेगा।
- सड़क-परिवहन व राजमार्ग मंत्री गड़करी ने दी मंजूरी
- मप्र शासन ने भूमि अधिग्रहण शुरू करने पर सहमति दी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। डकाच्या से लेकर पीथमपुर के बीच बनने वाली पूर्वी रिंगरोड को लेकर रास्ता साफ हो गया है। सड़क को बनाने का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को सौंप दिया है। 77 किमी लंबे इस मार्ग के निर्माण में चार हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह निर्णय गुरुवार को एयरपोर्ट लाउज में बैठक में रखी गई, जिसमें सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने सड़क बनाने के लिए जमीन से जुड़ी प्रक्रिया प्रदेश सरकार को पूरी करने पर जोर दिया। मौके पर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी मौजूद थे, जिन्होंने भूमि अधिग्रहण जल्द शुरू करने पर सहमति दी।
बैठक में एनएचएआइ के विभिन्न प्रोजेक्ट पर चर्चा की गई। सिंहस्थ के लिए उज्जैन को जोड़ने वाली पश्चिमी-पूर्वी रिंगरोड बनाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। पश्चिमी रिंगरोड एनएचएआइ बना रहा है।परंतु अभी तक पूर्वी रिंगरोड को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई थी, क्योंकि सड़स बनाने को लेकर एजेंसी तय करना बाकी था।मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और एनएचएआइ पर प्रदेश सरकार मंथन करने में लगी थी।
38 गांव से निकलेगी सड़क
चार हजार करोड़ रुपये से बनने वाली पूर्वी रिंगरोड के अंतर्गत सड़क 38 गांव से गुजरेगी, जिसमें कंपेल, खुड़ैल, तिल्लौर, बड़गोंदा, पीथमपुर सहित कई गांव शामिल है। सड़क को दो हिस्सों में बनाया जाएगा, जिसमें 38 और 39 किमी हिस्सा रखा गया है। अधिकांश सरकारी जमीन से सड़क निकालेंगे। इसमें वनभूमि भी शामिल है।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अधूरी
पश्चिमी रिंगरोड को लेकर भी बैठक में बातचीत की गई। 64 किमी लम्बे रिंगरोड के लिए 638 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी तक खत्म नहीं हुई है। इंदौर और धार के 39 गांव आएंगे। 80 मीटर चौड़ी सड़क रहेगी। महू के पास एबी रोड से सांवेर होते हुए शिप्रा तक सड़क बनाए है, जिसमें बेटमा, हातोद, सांवेर, तराना होते हुए क्षिप्रा से सड़क निकाली जाएगी। सड़क को लेकर 48 हेक्टेयर वनभूमि की जरूरत है, जिसमें 40 हेक्टेयर इंदौर वनमंडल और 8 हेक्टेयर धार वनमंडल का वनक्षेत्र है।
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