यह स्टडी प्लैनेटरी साइंस जर्नल में पब्लिश हुई है। इसके लीड ऑथर, एलेक्सिस रोड्रिग्ज का कहना है कि ग्लेशियरों से जुड़ी यह खोज बुध ग्रह को लेकर हमारी समझ को बढ़ाती है। खास यह है कि जिन ग्लेशियरों के सबूत बुध ग्रह में मिले हैं, वो पानी से नहीं बल्कि नमक से बने हैं। वैज्ञानिकों को लगता है कि नमक के ग्लेशियर बुध ग्रह में धुव्रीय इलाकों में कई मील नीचे तक हो सकते हैं। इनमें ‘रहने लायक जगहें’ हो सकती हैं।
स्टडी को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने भी फंड किया था। हाल में एक और स्टडी में कहा गया था कि बृहस्पति के चंद्रमा गेनीमेड पर कार्बनिक पदार्थ मौजूद हो सकते हैं। अब बुध ग्रह से जुड़ी स्टडी पृथ्वी से बाहर जीवन की संभावनाओं के लिए वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ा रही है।
बुध पर नामुमकिन माना जाता है जीवन
हमारे सौर मंडल के सभी ग्रहों में बुध ग्रह सूर्य के सबसे करीब है। इस ग्रह पर दिन का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला जाता है। रात होते ही टेंपरेचर 180 डिग्री माइनस में आ जाता है। बुध ग्रह पर कोई भी वायुमंडल नहीं है इसीलिए वैज्ञानिक इस ग्रह को जीवन के लिए असंभव मानते आए हैं। नई खोज उनकी धारणा को बदल सकती है।
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2023-11-27 08:20:38
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