प्रदेश सरकार के मुखिया उज्जैन के अपने एक साल मेले को प्रमोट करने के लिए ग्वालियर ऐतिहासिक व्यापार मेले को निपटाने की साजिश कर रहे हैं। उसकी का परिणाम है ग्वालियर व्यापार मेले में रोड टैक्स में 50 फीसदी छूट के आदेश मेला लगने के 20 दिन बाद जारी हुए हैं
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यह आरोप कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा और विधायक डॉ. सतीश सिकरवार ने लगाए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले भी रीजनल इन्वेस्टर मीट में आए मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में ग्वालियर का जिक्र करते हुए कहा था कि यहां के लोग पांव छूकर सम्मान देते हैं और गुस्सा होते हैं तो गोली भी मार देते हैं।
इसका असर यह है कि उसके बाद यहां उद्योगपति नहीं आए। यही हाल मेले की छूट को लेकर भी किया गया है। विधायक डॉ. सिकरवार का कहना है कि भाजपा नेताओं में श्रेय की राजनीति का परिणाम है कि मेले को इतने दिन बाद छूट मिली। साथ में उज्जैन मेले की छूट की घोषणा भी कर दी गई।
अब मालवा से आने वाला ग्राहक इस मेले में आने के बजाय उज्जैन मेले में वाहन खरीदने के लिए इंतजार करेगा। इसका सीधा असर ग्वालियर मेले के ऑटोमोबाइल कारोबार पर पड़ेगा।
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