सहकारी क्षेत्र के शीर्ष बैंक ( (अपैक्स) में एडिशनल सीईओ, मैनेजर समेत 118 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। लिखित परीक्षा का पूरा रिजल्ट जारी किए बिना इंटरव्यू की मेरिट लिस्ट बन गई। यही नहीं, भर्ती के नियमों के हिसाब से एक पद के विरुद
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लिस्ट में विभागीय मंत्री विश्वास सारंग के ओएसडी व बैंक में कैडर (मानव संसाधन विभाग) का काम देख रहे संजय मोहन भटनागर के बेटे अनुराग मोहन भटनागर, एमडी मनोज कुमार गुप्ता के भतीजे प्रथम गुप्ता, अपैक्स बैंक के ओएसडी अरुण मिश्रा के भतीजे संकल्प मिश्रा के साथ रिटायर्ड ज्वाइंट रजिस्ट्रार एसएन कोरी की बेटी मोना का नाम है।
ये सभी मैनेजर की पोस्ट के लिए इंटरव्यू की लिस्ट में हैं। कॉपरेटिव मामलों के अधिवक्ता पराग काले के अनुसार, यदि विज्ञापित पदों के विरुद्ध पर्याप्त आवेदन नहीं आते तो दोबारा विज्ञापन जारी करना होता है।
काले के अनुसार, इसी तरह परीक्षा के प्राप्तांकों के साथ परिणाम जारी होना चाहिए। साथ ही एक पद के विरुद्ध तीन लोग बुलाने चाहिए। यही मापदंड हैं। बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (आईबीपीएस) मुंबई के माध्यम से लिखित परीक्षा 10 नवंबर 2024 को आयोजित हुई।
परीक्षा के बाद प्राप्तांकों के बिना परिणाम जारी किया गया, जिससे विवाद बढ़ गया। 2021 में भी इसी संस्था ने 29 पदों के लिए परीक्षा ली थी, तब पूरा रिजल्ट जारी हुआ था और फेल उम्मीदवारों को भी इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इस बार इंटरव्यू की लिस्ट दो दिन पहले बनी और 23 जनवरी को इंटरव्यू रखा गया है।
इसी बीच अपैक्स बैंक ने 13 जनवरी को सूचना दी कि असिस्टेंट मैनेजर (प्रोग्रामर) के 4 पदों में से अजा वर्ग के 1 पद पर 8 आवेदन आए, जबकि अजजा महिला के 1 पद के लिए कोई आवेदन नहीं आया। इस कारण इस पद की लिखित परीक्षा नहीं हुई।
इधर नियमों से ज्यादा बुला लिए : असिस्टेंट मैनेजर में एससी के एक पद के लिए इंटरव्यू में 3 की बजाए 12 लोग, एसटी के दो पद के लिए 6 की बजाए 18 लोग, ओबीसी के 4 पदों के लिए 12 की बजाए 16 लोगों को इंटरव्यू में बुलाया गया है। आरोप है कि इसमें किसी को फायदा देने की कोशिश है।
बैंक में एडिशनल सीईओ का पद ही नहीं : वैद्यनाथन कमेटी के अनुसार, सीईओ कैडर के पदों पर नियुक्ति का अधिकार जिला बैंकों के संचालक मंडल को है। नाबार्ड और रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना एडीशनल सीईओ का पद नहीं बनाया जा सकता। अपेक्स बैंक ने 118 पदों के विज्ञापन में नोडल अधिकारी की पात्रता एडीशनल सीईओ से अधिक रखी।
जितने पद थे, इंटरव्यू में लगभग उतने ही अभ्यर्थी बुलाए, यानी चयन तय 1. एडिशनल सीईओ : 15 पद ओबीसी के 4 पदों के लिए 12 लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाना था। बुलाए सिर्फ दो हिमांशु खाड़े और वीरेंद्र जाट। • अनारक्षित के 4 पदों के लिए सिर्फ 5 लोग अजय कुमार, उदित अग्रवाल, नीरज दुरेजा, राघव माहेश्वरी व नितेश जिंदल बुलाए। बुलाना 12 को था। • एससी के दो पदों के लिए दो, एसटी के 3 पदों के लिए किसी को नहीं बुलाया।
2. नोडल अधिकारी : 12 पद एससी के दो पदों के लिए 6 की बुलाना था। दो कैंडिडेट दिनेश कुमार जाटव व यश भ्रद्यावंशी को बुलाया। ओबीसी के 3 पदों के लिए 6 की लिस्ट बनी।
3. अकाउंट मैनेजर 34 पद एससी के 5 पदों के लिए 15 की बजाए 7 बुलाए। एसटी के 7 पदों के लिए 21 बुलाने थे। लिस्ट में सिर्फ एक नाम शालिनी इक्का है।
4. मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशनः 34 पद एससी के 5 पदों के लिए 15 की बजाए 13 बुलाए। एसटी के 7 पदों के लिए 8 लोग बुलाए। यानी 7 का सिलेक्शन तय य है। ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और अनारक्षित के पदों के मामले में एक पद के विरुद्ध तीन के नियमों का पालन किया गया है। यानी कुल 22 पदों के लिए 66 कैंडिडेट बुलाए गए।
5. असिस्टेंट प्रोग्रामर (जूनियर मैनेजमेंट)… ओबीसी के दो पदों के लिए दो लोगों शुभांगी डोगरे व सुभम यादव को बुलाया।
एक पद पर 3 लोगों को इंटरव्यू में बुलाने की अनिवार्यता नहीं: एमडी यदि किसी का बच्चा मैरिट में आ रहा है तो उसमें नियमों का पालन नहीं हुआ, यह कैसे कह सकते हैं। एक पद के लिए 3 अभ्यर्थी बुलाए जाने हैं, परंतु ऐसा नहीं है कि तीन अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं तो भी बुला सकते हैं। जब रजिस्ट्रेशन होते हैं तो एक पद के लिए 10 आवेदक होना चाहिए। जहां तक इंटरव्यू के एक पद के लिए 3 लोगों को बुलाने की बात है तो विज्ञापन में इस नियम की अनिवार्यता नहीं लिखी गई है। – मनोज कुमार गुप्ता, एमडी, अपेक्स बैंक
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