उज्जैन के माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्रवार को गणेशजी की अराधना कर चतुर्थी का व्रत सौभाग्य और संतान की लंबी उम्र की कामना से किया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर, प्रसिद्ध श्री चिंतामन गणेश मंदिर
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साल में 12 संकष्टी चतुर्थी आती है, इनमें माघ मास की संकष्टी चतुर्थी को विशेष माना जाता है। इस दिन भगवान को गुड़ व तिल्ली का तिलकुट्टा चढ़ाने का विशेष महत्व है। शहर के प्रसिद्ध श्री गणेश मंदिरों में चतुर्थी पर आकर्षक साज-सज्जा की गई है।
वहीं भगवान का अभिषेक-पूजन कर श्रृंगार किया गया। चतुर्थी पर भगवान गणेश के दर्शन मात्र से ही सारे कार्य सम्पन्न हो जाते है। यही कारण है कि श्री गणेश मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ रही।
दोपहर तक श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज, नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव, मंदिर समिति सदस्य प्रदीप गुरु ने भी भगवान श्री गणेश का पूजन अर्चन किया।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में सुबह से भक्तों की रही भीड़।
सिद्धिविनायक को तिल के पकवानों का भोग
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित श्री सिद्धीविनायक गणेश मंदिर में शुक्रवार को आकर्षक साज-सज्जा की गई । मंदिर पुजारी दिलीप उपाध्याय चम्मु गुरू ने बताया कि सुबह भगवान श्री गणेश का अभिषेक पूजन के बाद श्रृंगार कर भगवान गणेश को तिल के पकवानों का भोग अर्पित कर दोपहर में भगवान गणेश का पूजन कर महाआरती होगी।
संकट चतुर्थी पर महिलाएं अपने परिवार और बच्चों की सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती है। इस दिन 108 बार ओम गन गणपतए नमः का उच्चारण करने से सभी बढ़ाएं दूर होती है सुख समृद्धि बनी रहती है।
सिद्धिविनायक गणेश मंदिर पर भी भगवान महाकाल के दर्शन के उपरांत बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्री गणेश का दर्शन लाभ ले रहे हैं। सुबह से ही भगवान गणेश के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी है।
चिंतामन गणेश मंदिर में भी भक्तों की भीड़
तिल चतुर्थी पर शहर से करीब आठ किलोमीटर दूर चिंतामन गणेश मंदिर में तड़के 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। मंदिर समिति के प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने बताया कि तिल चतुर्थी के अवसर पर भगवान चिंतामन गणेश का पंचामृत अभिषेक कर पूर्ण स्वरूप में विशेष श्रृंगार किया गया।
भगवान को तिल से बने पकवानों का महाभोग लगाकर आरती की गई। सुबह 6 बजे से दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ जो रात 11 बजे तक चलेगा। पर्व विशेष पर मंदिर में आकर्षक साज- सज्जा भी की गई।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में इंतजाम किए गए हैं । इसी तरह महाकाल मंदिर के उत्तरीय द्वार के सामने स्थित श्री बड़े गणेश मंदिर में माघी संकष्टी चतुर्थी पर बड़े गणेश मंदिर में सुबह भगवान बड़े गणेश का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद भगवान को नए वस्त्र व रजत आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया शुक्रवार रात्रि में भगवान श्री गणेश की महा आरती होगी।
चंद्रमा को अध्र्य देकर पूजन करेंगी महिलाएं
संकष्टी चौथ का व्रत शुक्रवार को रात चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अघ्र्य देकर पूरा होगा। इस दिन तिल कुटे का भोग लगाने के बाद महिलाएं निर्जला व्रत खोलेंगी। महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संकटों को दूर करने के लिए व्रत रखती है। इस दिन व्रत का महत्व होने से महिलाएं भगवान गणपति का पूजन कर भगवान को गुड़ व तिल्ली से बने पकवानों का भोग लगाकर पूजन आराधना करती है।
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