प्रदेश की तीन सूची जारी होने के बाद भी इंदौर के भाजपा नगर और जिलाध्यक्ष के नाम तय नहीं हो सके हैं। लिस्ट कब आएगी, इस पर सस्पेंस बरकरार है। जहां एक तरफ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय नगर व जिला दोनों में ही अपनी पसंद का अध्यक्ष चाह रहे हैं।
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वहीं दूसरी तरफ मंत्री तुलसी सिलावट ने जिले में अपनी पसंद के अध्यक्ष के लिए पूरी ताकत लगा दी है। 62 अध्यक्षों में अब सिर्फ आधा दर्जन नाम बाकी हैं। इसमें इंदौर के दोनों अध्यक्ष हैं। वहीं कई कार्यकर्ता सवाल उठ रहे हैं कि जब गुटबाजी व प्रभाव से ही अध्यक्ष तय होना है तो मंडल अध्यक्षों व बाकी पदाधिकारियों की रायशुमारी करवाई ही क्यों गई।
सीएम इंदौर के प्रभारी, वीडी की भी रुचि, इसलिए हो रही देरी
दरअसल, सीएम खुद इंदौर के प्रभारी भी हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की भी इंदौर में खासी रुचि है। ऐसे में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। इंदौर के दोनों अध्यक्षों का मामला पहले भोपाल और उसके बाद दिल्ली तक पहुंच चुका है। गुरुवार को पार्टी की अहम बैठक भी इंदौर में हुई थी। इसमें संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और सांसद सुधीर गुप्ता शामिल हुए। नगर व जिलाध्यक्ष के नाम पर चर्चा की गई।
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