भोपाल-राजगढ़ बॉर्डर पर पार्वती नदी पर बना 49 साल पुराना ब्रिज धंस गया। 2 दिन से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद है। इससे भोपाल, राजगढ़, विदिशा, गुना के हजारों लोगों को 30 से 50 किलोमीटर तक लंबा फेरा लगाना पड़ रहा है। वैकल्पिक रास्ते के लिए नदी पर बने स्ट
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साल 1976 में इस पुल को MPRDC यानी मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने बनाया था। ब्रिज कैसे क्रैक हुआ और अचानक रास्ते को बंद किए जाने की नौबत क्यों बनी? यह जानने दैनिक भास्कर टीम मौके पर पहुंची। पता चला कि पुल की 49 साल में सिर्फ 2 बार रिपेयरिंग की गई है। आखिरी बार मरम्मत साल 2019-20 में की गई थी, पढ़िए रिपोर्ट…
भोपाल और राजगढ़ जिलों को जोड़ने वाला पार्वती नदी का यह ब्रिज क्षतिग्रस्त हुआ है।
अफसर बोले-मरम्मत की, जनप्रतिनिधि ने कहा-10 साल पहले हुई एमपीआरडीसी के चीफ इंजीनियर पवन अरोरा ने कहा- समय-समय पर ब्रिज की मरम्मत की जाती है। इसे लेकर जब सरपंच प्रतिनिधि दयाल सिंह गुर्जर से बात की तो उन्होंने 10 साल पहले एक बार मरम्मत होने की बात कही। वहीं, सरकारी रिकॉर्ड में आखिरी मरम्मत साल 2019-20 में करना लिखा है। इस तरह 49 साल के अंदर ब्रिज की सिर्फ 2 बार मरम्मत करना सामने आया है।
ये वह जगह है, जहां से ब्रिज क्षतिग्रस्त हुआ है।
बड़ा सवाल- ब्रिज की मरम्मत में ऐसी लापरवाही क्यों? ब्रिज की हालत देखकर ऐसा नहीं लगा कि 5 साल पहले ब्रिज की सही ढंग से मरम्मत भी हुई हो क्योंकि पूरी रेलिंग टूटी हुई है। उनमें से सरिए तक बाहर झांक रहे हैं। ब्रिज के ऊपर गड्ढा भी है, जिसे भरा गया है। ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि भोपाल-राजगढ़ को जोड़ने वाले ब्रिज की मरम्मत में इतनी बड़ी लापरवाही क्यों बरती गई?
ब्रिज की मौजूदा हालत को इन 4 तस्वीरों में देखा जा सकता है…
रेलिंग के सरिए इस तरह से निकल आए हैं।
ब्रिज की रेलिंग दोनों तरफ से टूट गई है।
पार्वती नदी पर बना यह ब्रिज खस्ताहाल हो चुका है।
ब्रिज की पूरी रेलिंग इस स्थिति में है।
ऐसे पता चला कि ब्रिज धंस गया है मेघरा नवीन पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि दयाल सिंह गुर्जर ने सबसे पहले ब्रिज के क्रैक हिस्से को देखा। उन्होंने बैरसिया विधायक विष्णु खत्री को जानकारी दी। मौके पर एसडीएम आशुतोष शर्मा और एमपीआरडीसी के इंजीनियर पहुंचे और फिर 17 जनवरी की शाम से ब्रिज के ऊपर से गाड़ियों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया। कुछ टू-व्हीलर्स और पैदल यात्री ही गुजर सके। सरपंच प्रतिनिधि दयाल सिंह गुर्जर ने कहा-
16 जनवरी को मैं गांव में किसी काम से आया था। ब्रिज की शुरुआत से पहले सड़क किनारे खड़े होकर चाय पी रहा था। तभी यात्री बस गुजरी। ब्रिज के बीच में एक जगह पर पहिया उछला। मैंने कभी ऐसा नहीं देखा था इसलिए तुरंत मौके पर पहुंचा। देखा कि ब्रिज का एक हिस्सा धंसा हुआ है। फिर विधायक के पास पहुंचा।
सरपंच प्रतिनिधि दयाल सिंह गुर्जर को क्रैक ब्रिज के बारे में पता चला। उन्होंने विधायक विष्णु खत्री को जानकारी दी।
ब्रिज के क्रैक होने के पीछे ये वजह ब्रिज के क्रैक होने के पीछे एक और बात सामने आई है। यहां पहुंचे नरसिंहपुर के एडवोकेट विशाल सोनी ने आरोप लगाया कि रूनाहा-बरायठा रोड के निर्माण के दौरान बड़ी लापरवाही बरती गई थी। इस कारण आज यह स्थिति बनी है।
उन्होंने बताया कि दो साल पहले मुख्य सड़क का पुर्ननिर्माण किया गया था। इस दौरान ब्रिज के ऊपर की सड़क भी उखाड़ी गई थी लेकिन काम के दौरान रास्ता बंद नहीं किया गया था। इस वजह से सरिए निकल गए। उस समय प्रशासनिक अफसरों से शिकायत भी की थी लेकिन इसका निराकरण नहीं हो सका था।
जब सरिए निकले और दरारें पड़ीं तो ठेका कंपनी ने केमिकल से उसे भर दिया। अब वही केमिकल उखड़ गया है और पुल के क्रैक होने की नौबत आ गई है।
नेशनल हाईवे से जोड़ता है ब्रिज बैरसिया-नरसिंहगढ़ रोड पर बना यह ब्रिज मेघरा नवीन गांव में है। यह भोपाल जिले का गांव है जबकि दूसरी तरफ राजगढ़ जिले का बरायठा गांव है। भोपाल, राजगढ़ के अलावा गुना, विदिशा, शिवपुरी, अशोकनगर, आगर-मालवा, शाजापुर, इंदौर, उज्जैन आने-जाने के लिए भी ब्रिज का उपयोग किया जाता है। एक दिन में डेढ़ से 2 लाख तक लोग गुजरते हैं। यह ब्रिज आगरा-बंबई राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जोड़ता है।
जिस जगह पर ब्रिज धंसा है, वहां बेरिकेडिंग की गई है।
एसडीएम शादी से लौटे और आदेश जारी किया बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा 17 जनवरी को पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के लिए छुट्टी पर थे। लेकिन ब्रिज पर किसी हादसे की आशंका को देखते हुए वे शादी से लौट आए और फिर वरिष्ठ अफसरों से चर्चा करने के बाद उन्होंने आदेश जारी किया।
शर्मा ने एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक को लेटर लिखा- पार्वती पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल से आवाजाही के कारण जान-माल के नुकसान की आशंका है। प्रारंभिक रूप से इस ब्रिज के पिलर के नीचे बड़ा गड्ढा हो गया है। इसलिए जरूरी है कि नरसिंहगढ़-बैरसिया आने-जाने वाले वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद कर दी जाए।
बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा ने यह आदेश जारी किया।
15 इंजीनियरों की टीम देख चुकी, वैकल्पिक रास्ता बना रहे पार्वती नदी के इस ब्रिज की स्थिति एमपीआरडीसी के करीब 15 इंजीनियर शुक्रवार को ही देख चुके हैं। इसके बाद वैकल्पिक रास्ता बनाया जा रहा है। एसडीएम शर्मा ने बताया कि स्टॉपडैम से पानी खाली किया जा रहा है। इसके बाद यहां वैकल्पिक रास्ता बनाया जाएगा।
एमपीआरडीसी के करीब 15 इंजीनियरों ने शुक्रवार को ब्रिज का निरीक्षण किया था।
कलेक्टर बोले- टीमें मौके पर मौजूद भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि ब्रिज से गाड़ियों का आवागमन बंद कर दिया गया है। मौके पर एसडीएम, तहसीलदार तैनात हैं। वहीं, राजगढ़ कलेक्टर गिरीश मिश्रा ने कहा- ब्रिज से अभी टू-व्हीलर्स ही गुजरने दे रहे हैं। एसडीएम समेत अमला तैनात किया गया है।
पार्वती नदी में बने स्टॉपडैम से पानी निकाला जा रहा है। इसके पास ही वैकल्पिक रास्ता बनाया जाएगा।
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भोपाल-राजगढ़ बॉर्डर पर पार्वती नदी पर बना पुल धंसा
भोपाल और राजगढ़ जिले की सीमा पर पार्वती नदी पर बना 49 साल पुराना पुल धंस गया है। यह पुल बैरसिया-नरसिंहगढ़ रोड पर स्थित है और 1976 में बनाया गया था। पुल धंसने की घटना के बाद गुरुवार रात से इस पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। पढ़ें पूरी खबर…
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