ग्वालियर लोकायुक्त कार्यालय के बाहर शिकायत करने खड़ा RTI कार्यकर्ता एडवोकेट संकेत साहू
पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति मामले में ग्वालियर लोकायुक्त में एक और शिकायत हुई है। यह शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट संकेत साहू ने की है। उन्होंने पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और तत्कालीन CMHO पर केस दर्ज करने की मांग की है।
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संकेत के मुताबिक- सौरभ ने अपने अनुकंपा नियुक्ति आवेदन में तथ्य छुपाए थे। सौरभ ने आवेदन में परिवार के सदस्यों के कॉलम में अपने भाई की जानकारी छिपाई थी। सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में तैनात था, लेकिन सौरभ ने भाई की जानकारी ही छिपा ली। सौरभ की मां उमा शर्मा ने आवेदन में सहमति कॉलम पर हस्ताक्षर किए थे, तत्कालीन CMHO ने इस आवेदन को वेरिफाई किया था। RTI कार्यकर्ता एडवोकेट संकेत साहू ने इस आवेदन पर सौरभ और तत्कालीन सीएमएचओ सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर दो से तीन दिन में लोकायुक्त कार्रवाई नहीं हुई तो वह इसको लेकर कोर्ट जाएंगे।
झूठे शपथ पत्र पर अनुकंपा नियुक्ति का आरोप
बता दें कि इससे पहले आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने शिकायत में दावा किया था कि 2015 में सौरभ शर्मा के पिता राकेश कुमार शर्मा के आकस्मिक निधन के बाद उनकी मां उमा शर्मा ने बड़े बेटे सचिन शर्मा की सरकारी नौकरी की जानकारी छुपाकर झूठा शपथ पत्र पेश किया था। जिसके आधार पर सौरभ को 2017 में परिवहन विभाग में तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति मिली थी।जबकि सचिन पहले से ही छत्तीसगढ़ सरकार की सेवा में कार्यरत थे। साहू ने इस नियुक्ति को पूरी तरह गैर-कानूनी बताते हुए सौरभ और उनकी मां के खिलाफ मामला दर्ज कर विस्तृत जांच की मांग की थी।
ग्वालियर में 27 दिसंबर को ईडी ने छापेमारी की
27 दिसंबर शुक्रवार सुबह 5 बजे ईडी की टीम ने विनय नगर स्थित सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा था। टीम ने दिनभर की कार्रवाई के दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे, जिन्हें बैग में भरकर ले जाया गया था। इन दस्तावेजों में क्या जानकारी छुपी थी, इसका खुलासा जांच के बाद आना था।
जमीन और संपत्तियों की जांच
ईडी को जानकारी मिली थी कि सौरभ शर्मा की मां ने हाल ही में हाईवे पर करोड़ों की जमीन बेची थी। टीम इस सौदे की सटीक राशि और लेन-देन की प्रक्रिया की जांच कर रही थी। इसके अलावा, सिटी सेंटर में उमा शर्मा के नाम पर कई संपत्तियां मिली थी, जिनमें एक व्यवसायिक बिल्डिंग शामिल थी, जहां थंब, टीबीआर और हैशटैग पब संचालित होते हैं।
शिकायतकर्ता संकेत साहू ने आरोपों की निष्पक्ष जांच और सौरभ शर्मा तथा उनकी मां के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। वहीं, ईडी अब जब्त दस्तावेजों का गहराई से परीक्षण कर रही थी।इस मामले में सौरभ शर्मा के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट और ईडी की कार्रवाई ने न सिर्फ सवाल खड़े किए थे, बल्कि उनके अनुकंपा नियुक्ति और संपत्तियों को लेकर जांच का दायरा भी बढ़ा दिया था।
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