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Harsha Richhariya: दूसरे देशों के लोग सनातन से जुड़ते हैं तो वाहवाही होती है, हमारी बेटी से नफरत क्यों?

भोपाल की हर्षा रिछारिया का महाकुंभ में साध्वी के रूप में स्नान करने पर विवाद खड़ा हो गया है। उनके परिवार ने कहा कि हर्षा ने धर्म का मार्ग अपनाया है, तो इसमें उसने क्या गलत किया? उनके माता-पिता का कहना है कि अगर किसी दूसरे देश की महिला धर्म से जुड़ती है तो उसकी वाहवाही होती है और देश की बेटी जुड़ती है तो उसे पाखंडी बताया जा रहा।

By prashant vyas

Publish Date: Sun, 19 Jan 2025 08:15:34 AM (IST)

Updated Date: Sun, 19 Jan 2025 08:23:09 AM (IST)

हर्षा रिछारिया के माता-पिता।

HighLights

  1. प्रयागराज महाकुंभ में हर्षा रिछारिया को पाखंडी कहने वालों पर फूटा माता-पिता का गुस्सा।
  2. निरंजनी अखाड़े के रथ पर सवार होकर शाही स्नान करने जाने पर चर्चा में हैं भोपाल की हर्षा।
  3. पिता बोले- हर्षा ने सबकुछ छोड़कर धर्म का मार्ग अपनाया है, तो इसमें उसने क्या गलत किया?

प्रशांत व्यास, नवदुनिया, भोपाल(Harsha Richhariya)। प्रयागराज महाकुंभ में अपनी सुंदरता और साध्वी वेशभूषा से भोपाल की हर्षा रिछारिया की देशभर में चर्चा है। एंकरिंग-माडलिंग का करियर छोड़कर हर्षा ने साध्वी का रूप धारण किया तो विवाद खड़ा हो गया।

कुछ साधु-संतों ने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए उन्हें फटकार लगाई, जबकि कई महात्माओं ने उनका बचाव किया है। एक सप्ताह के भीतर महाकुंभ से लेकर सोशल मीडिया के जरिए देशभर में हो रहीं चर्चाओं से हर्षा का परिवार भी चिंतित है।

सबकुछ छोड़कर धर्म का मार्ग अपनाया

भोपाल के वृंदावन नगर स्थित उनके घर पहुंचकर नवदुनिया ने हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया, मां किरण और भाई करण से बातचीत की। उन्होंने कहा हमारी बेटी पूर्व में भी एक सम्मानजनक करियर में थी। उसने दो-तीन साल पहले सबकुछ छोड़कर धर्म का मार्ग अपनाया है तो उसने क्या गलत किया?

अपने देश की बेटी को पाखंडी बताने लगते हैं

दूसरे देशों की महिलाएं महाकुंभ में स्नान करतीं हैं तब तो सभी लोग उनकी वाहवाही करते हैं, लेकिन अपने ही देश और धर्म की बेटी यदि एक गुरु से दीक्षा लेकर महाकुंभ में स्नान करती है तो उसे पाखंडी बताने लगते हैं, आखिर उससे इतनी नफरत क्यों?

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनकी संतान धर्म के मार्ग पर चले

हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया ने बताया कि हमारी बेटी ने कभी किसी से झूठ नहीं बोला है। कुछ लोगों ने अपने मन से बातें बनाईं और फैलाना शुरू कर दीं। बाद में हमारी बेटी को निशाने पर लेने लगे।

लेकिन हम समझते हैं कि इससे हमारी बेटी का नाम ही हुआ है। वह किसी गलत काम में नहीं पकड़ी गई है। कौन माता-पिता नहीं चाहता कि उसकी संतान धर्म-आध्यात्म के मार्ग पर चले। यदि कुछ चुनिंदा लोगों ने उसकी बुराई की है तो उससे कहीं ज्यादा लोगों ने उसका समर्थन भी किया है।

लोगों को धर्म से जोड़ना ज्यादा महत्वपूर्ण

हर्षा की मां किरण रिछारिया ने कहा कि कुछ साधु-संतों ने तो गुरुदेव कैलाशानंद गिरी को भी भला-बुरा कहा है। देशभर में हर्षा की चर्चा के बाद निरंजनी अखाड़ा का नाम और भी बढ़ गया है, इससे कुंठित होकर ऐसी बातें कही जा रही हैं। हालांकि उनके जवाब भी खुद संतजन ही दे रहे हैं। जो धर्म के सच्चे ज्ञाता हैं उन्हें मालूम है कि किसी व्यक्ति को धर्म से जोड़ना जरूरी है, चाहे माध्यम कोई भी हो।

2004 का किस्सा याद कर रो पड़ीं थीं हर्षा

हर्षा की मां ने बताया कि जिस महाकुंभ में उनकी बेटी का नाम इतनी चर्चा में आया है उससे जुड़ा एक पुराना किस्सा है। 2004 के उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में शाही स्नान के दौरान जब हर्षा साधु-संतों के स्नान के लिए बने स्थान पर चली गई थी तो पुलिस ने उसे धक्का देकर भगा दिया था।

इससे हर्षा को काफी बुरा लगा था और उसने कहा था कि एक दिन ऐसा भी होगा, जब मैं साधु-संतों के बीच ही स्नान करूंगी। किरण बताती हैं कि प्रयागराज महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद हर्षा ने उन्हें फोन किया था। उस दिन वह 2004 के कुंभ को याद करते हुए वे रो पड़ी थी।

मऊरानीगंज से है हर्षा का परिवार

हर्षा का परिवार मूल रूप से झांसी जिले के मऊरानीगंज से हैं। उनका परिवार बीते 25 वर्षों से भोपाल में है। हर्षा ने सरस्वती विद्या मंदिर से स्कूली पढ़ाई पूरी की थी और विक्रमादित्य कॉलेज से बीबीए किया था।

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