शहर के प्रमुख बाजारों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में कॉरिडोर लोगों के चलने के लिए होते हैं। लेकिन, प्रमुख बाजारों के 80 प्रतिशत कॉरिडोर पर अस्थाई और स्थाई दुकानदारों का कब्जा है। न्यू मार्केट, 10 नंबर मार्केट, एमपी नगर जोन-2 में कॉम्प्लेक्स के कॉरिडोर मे
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ऐसे में ग्राहकों के लिए एक दुकान से दूसरी दुकान पर जाने के लिए पैदल चलने की जगह ही नहीं बचती है। मजबूरी में उनको कॉम्प्लेक्स से बाहर निकलकर सड़क से होकर दूसरी दुकान में पहुंचना पड़ता है। इसके खिलाफ नगर निगम की प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से पूरे कब्जे कायम हैं।
न्यू मार्केट : पूरा कॉरिडोर ही घेर लिया, कहां से निकलेँ
न्यू मार्केट में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के कॉरिडोर में कब्जे देखने को मिलते हैं। यहां 80 प्रतिशत दुकानदारों ने अपनी दुकान का सामान बाहर कॉरिडोर में रखा हुआ है। वहीं, जो हिस्सा खाली है, वहां पर अस्थाई दुकानें लग जाती हैं। ऐसे में ग्राहकों के लिए एक दुकान से दूसरी दुकान तक पैदल जाना मुश्किलों भरा रहता है। यही नहीं बाजार के अंदर पैदल चलने के लिए बने रास्तों पर भी अस्थाई दुकानदारों ने सामान फैला रखा है। सब-वे की सीढ़ियों को भी दुकानदारों ने छोड़ा है। इससे पैदल चलने में भी मुश्किल होती है।
एमपी नगर जोन-2 : दुकानों के आगे कई फीट तक कब्जा
यहां के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के कॉरिडोर पर दुकानदारों ने अपना सामान फैला रख रखा है। यहां कब्जे का यह आलम है कि एक दुकान से दूसरी दुकान पर जाने के लिए लोगों को कॉरिडोर की जगह सड़क पर से होकर जाना पड़ता है। वहीं दुकान दारों ने दुकानों से कई फीट आगे तक सामान फैला रखा है। इनमें चाय नाश्ता और फास्ट फूड वाले हैं। इनके कुर्सी और टेबल बीच कॉरिडोर में रखे रहते हैं।
10 नंबर मार्केट : कॉरिडोर हो जाते हैं संकरे
मार्केट में 60 प्रतिशत कॉरिडोर पर कब्जा रहता है। यहां अस्थाई दुकानों के कब्जे के साथ स्थाई दुकानों का सामान भी बाहर तक रखा रहता है। दुकानों के सामान बाहर तक रखे होने से कॉरिडोर इतने संकरे हो गए हैं कि आमने-सामने से आ रहे दो लोगों को भी निकलने में परेशानी होती है।
समाधान -अतिक्रमण के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई हो
बाजारों में कॉरिडोर लोगों के इस्तेमाल के लिए बनाया जाता है। दुकानदार यहां अपना सामान फैलाकर कब्जा नहीं कर सकते हैं। नगर निगम को इनके खिलाफ लगातार प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। रुक-रुक और लंबे समय बाद कार्रवाई करने के कारण दुकानदारों में डर नहीं रह जाता है। वे दूसरे दिन से ही कब्जा जमा लेते हैं। इसके अलावा नगर निगम को दुकानों को सीमित करना होगा और अस्थाई दुकानों को हटाना होगा। इससे बाजारों में आने वाले ग्राहक खासकर के महिलाओं को समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। – वीके चतुर्वेदी, रिटायर्ड अपर आयुक्त, नगर निगम भोपाल
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