इंदौर में एक टैंकर पलटने से अमोनिया गैस का रिसाव होने लगा। इस घटना में रेस्क्यू ऑपरेशन में तीन घंटे लगे। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर गैस का रिसाव रोकने का प्रयास किया। आसपास के लोगों में दहशत फैल गई।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 20 Jan 2025 08:07:33 AM (IST)
Updated Date: Mon, 20 Jan 2025 08:34:38 AM (IST)
HighLights
- टैंकर से टूटे हुए वाल्व से गैस का रिसाव धीरे-धीरे हो रहा था।
- अमोनिया गैस के रिसाव से लोगों को सांस लेने में हुई परेशानी।
- पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बायपास पर टेंकर से गैस का रिसाव होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन का अमला सक्रिय हुआ। टैंकर में भरी अमोनिया गैस पर रोकने या इस गैस को अन्य किसी टैंकर में रिफिल करवाना संभव नहीं था।
इस वजह से यह निर्णय लिया गया है कि गैस का टेंकर से रिसाव होने दिया जाए। तहसीलदार नारायाण नांदेड़ा के मुताबिक टेंकर में करीब पांच हजार लीटर अमोनिया गैस थी। इसमें 70 फीसद अमोनिया गैस व 30 फीसद पानी था।
फायर ब्रिगेड की मदद ली गई
गैस का रिसाव रोकने के लिए फायर ब्रिगेड के विशेषज्ञों की मदद ली गई और पीथमपुर के इंडस्ट्रियल हेल्थ एंड सेफ्टी के एडिशनल डायरेक्टर भी मौके पर पहुंचे। अमोनिया गैस ज्वलनशील नहीं होती है।
इस वजह से टैंकर से रिसाव हो रहे गैस पर फायर वाहन के टैंकर से पानी की बौछार शुरू की गई और टैंकर से गैस को रिसने दिया गया। इस दौरान वहां की व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी व अन्य लोगों के आंखों में जलन की सांस में गैस की दुर्गंध मुश्किल हो रही थी।
ऐसे में कुछ लोगों ने मास्क लगाया और कुछ ने रुमाल गीला कर अपने चेहरे पर बांधा। जहां टैंकर खड़ा था उससे रहवासी क्षेत्र दूर था। सिर्फ सेज यूनिवर्सिटी ही घटनास्थल के समीप थी।
रेफ्रिजरेटर व एससी में होता है इस गैस का उपयोग
टैंकर में मौजूद अमोनिया गैस का उपयोग रेफ्रिजरेट व एसी व सफाई कार्य में होता है।
टैंकर ड्राइवर और सहायकों की मदद से खोला दूसरा वाल्व
टैंकर से टूटे हुए एक वाल्व से गैस का रिसाव धीरे-धीरे हो रहा था। ऐसे में टैंकर को जल्द खाली करने, इसी तरह का टैंकर चलाने वाले ड्राइवर व कर्मचारियों की मदद ली गई। उनके सहयोग से टैंकर का दूसरा वाल्व खोला गया। इसके बाद 6.30 बजे तक टैंकर खाली हो सका।
टैंकर से गैस रिसाव की सूचना मिलते ही शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
- 3.20 बजे : दूसरा वाहन टैंकर के वाल्व से टकराने के कारण गैस रिसाव शुरू हुआ।
- 3.35 बजे : बायपास पर पुल के ऊपर से वाहनों की आवाजाही को बंद करवाया गया।
- 3.50 बजे : फायर ब्रिगेड के वाहन पहुंचे और टैंकर से रिस रही गैस पर पानी डालने का कार्य शुरू हुआ। 4.00 बजे : एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची।
- 4.15 बजे : सात एम्बुलेंस मौके पर पहुंची।
- 5.30 बजे : टैंकर का दूसरा वाल्व खोला गया।
- 6.30 बजे : पूरा टेंकर खाली हुआ, जिसके बाद उसे क्रेन से हटाकर रोड के साइड में किया गया।
एसीपी, पुलिसकर्मी और अन्य डॉक्टरों की निगरानी में
टैंकर से गैस रिसाव के कार्य में लगे एससीपी रुबिका मिजवानी सहित 15 पुलिसकर्मी व वाहन चालकों को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ होने पर सभी चोइथराम अस्तपाल में डाक्टरों की निगरानी में रखा गया है। चिकित्सकों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया।
सांस फेलियर का खतरा रहता है
आंखों में जलन व सांल लेने में हो सकती है समस्या अमोनिया के कारण आंखों में जलन, नाक, गले, और श्वसन तंत्र में जलन, सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसके अलावा यदि इसका प्रकोप फेफड़े तक पहुंच जाता है तो निमोनिया और सांस के फेलियर होने का खतरा हो सकता है। – डॉ. सलिल भार्गव, श्वसन रोग विशेषज्ञ
रेस्क्यू ऑपरेशन : वीआईपी की तरह बना यकायक प्लान
पुलिस ने सूझबूझ से काम लिया। खतरा भांपते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन की रूपरेखा बनाई। पुलिस ने राऊ गोल चौराहा से आने वाला ट्रैफिक रोक दिया। देवास से आने वाला ट्रैफिक भी डायवर्ट करवाया। पुलिसकर्मी वीआईपी आगमन की तरह पूरे मार्ग पर पेट्रोलिंग करने लगे। दूर खड़े युवकों को भी हटाया गया। रील बनाने वालों की भीड़ को खदेड़ा।
पीथमपुर से मैकेनिक बुलाए और वाल्व खुलवा कर पानी के साथ गैस बहाई गई। गैस खत्म होने पर टैंकर को टोचन कर हटाया। यहां तक की पानी पर भी रेती डाली गई। डीसीपी के मुताबिक गैस से तेज दुर्गंध आ रही थी। 500 मीटर तक हवा में असर फैल चुका था।
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