भोपाल में सैफ अली खान के परिवार की 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर शत्रु संपत्ति कानून के तहत सरकारी कब्जे की संभावना बढ़ गई है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के स्टे हटने के बाद जिला प्रशासन कार्रवाई शुरू कर सकता है। हालांकि, सैफ परिवार के पास अपील का विकल्प मौजूद है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 21 Jan 2025 10:56:51 PM (IST)
Updated Date: Tue, 21 Jan 2025 10:56:51 PM (IST)
HighLights
- पाकिस्तान जाने के बाद संपत्ति को सरकारी घोषित किया गया।
- नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार ने दावा किया।
- उच्च न्यायालय ने 2015 में स्टे लगाया था, जो अब हट चुका है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर/भोपाल : फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के परिवार की लगभग 15 हजार करोड़ की अनुमानित कीमत वाली भोपाल स्थित संपत्ति के सरकार के कब्जे में जाने की संभावना बढ़ गई है।
भोपाल रियासत से जुड़ी इन संपत्तियों पर वर्ष 2015 से चल रहा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का स्टे हटते ही भोपाल जिला प्रशासन संपत्तियां अधीन करने के लिए स्वतंत्र हो गया है। वह कभी भी इसकी कार्रवाई प्रारंभ कर सकता है। हालांकि सैफ परिवार के पास हाई कोर्ट की युगलपीठ के समक्ष अपील दायर करने का विकल्प अब भी मौजूद है।
2015 से संपत्ति पर विवाद
फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के पिता मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी व भोपाल रियासत के वारिस नवाब मंसूर अली खान पटौदी की भोपाल में स्थित अचल संपत्ति को लेकर शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय के 2015 में जारी एक अधिसूचना की वजह से विवाद की स्थिति बनी।
शत्रु संपत्ति कानून के तहत सरकारी घोषित
इस अधिसूचना में पटौदी खानदान की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति कानून के तहत सरकारी घोषित कर दिया गया था। अधिसूचना में कहा गया था कि नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति की वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान थीं, जो पाकिस्तान चली गईं। ऐसे में उनकी संपत्ति शत्रु संपत्ति के दायरे में आती है।
इस कार्रवाई का नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार की ओर से शर्मीला टैगोर, सैफ अली खान, सोहा अली खान, सबा अली खान और मंसूर अली खान पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान ने इस दावे के साथ विरोध किया था कि नवाब की संपत्ति के वारिस वे हैं। उनमें से कोई पाकिस्तान बसने के लिए नहीं गया।
इस मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित मुख्य खंडपीठ में अंतिम सुनवाई पिछले वर्ष 2024 में 13 दिसंबर को हुई थी। भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर विधिक सलाह लेने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उच्च न्यायालय ने पूर्व में अभ्यावेदन का मौका दिया था
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, सैफ अली खान और सबीहा सुल्तान को पटौदी परिवार की संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित किए जाने के विरोध में केंद्र सरकार के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। न्यायालय ने केंद्र को कहा था कि यदि 30 दिन के भीतर अभ्यावेदन पेश होता है तो उसका गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया जाए।
जिन संपत्तियों पर विवाद उनमें से 85 प्रतिशत बिक चुकीं हैं
पटौदी परिवार की जिस संपत्ति को सरकारी घोषित किया, उसकी स्थिति अब भी विवादित है। 2013 के सर्वे के बाद भोपाल जिला प्रशासन ने नवाब परिवार से जुड़ी शत्रु और निष्कांत संपत्तियों की संख्या 24 बताई थी। 2015 में इनकी संख्या केवल 16 रह गई।
वहीं 2016 में पाकिस्तान में बस जाने वाली आबिदा सुल्तान के नाम पर दर्ज केवल एक संपत्ति की पहचान हो पाई। जिस 150 एकड़ जमीन और संपत्तियों को शत्रु संपत्ति के दायरे में माना जा रहा है, उनमें से 85 प्रतिशत संपत्तियां बिक चुकी हैं। रेत घाट से खानूगांव तक फैली इस संपत्ति पर एक-डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं।
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