0

Saurabh Sharma: 41 दिन चला सौरभ का ड्रामा, खुद आकर कराई गिरफ्तारी

लोकायुक्त पुलिस ने मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया। छापेमारी में 11 करोड़ रुपये और 52 किलोग्राम सोना बरामद किया गया था। सौरभ पर आरोप है कि उसने अधिकारियों और नेताओं के साथ मिलकर करोड़ों की काली कमाई की और बेनामी संपत्तियों में निवेश किया।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Tue, 28 Jan 2025 08:53:38 PM (IST)

Updated Date: Tue, 28 Jan 2025 08:53:38 PM (IST)

न्यायालय ने सौरभ और साझेदार की रिमांड मंजूर की।

HighLights

  1. लोकायुक्त पुलिस ने फरार सौरभ शर्मा को पकड़ा।
  2. छापेमारी से11 करोड़ रुपये और सोना बरामद हुआ था।
  3. नेता-अधिकारियों से गंठजोड़ कर टोल-नाकों में वसूली।

नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल : मध्य प्रदेश में पिछले 40 दिनों से परिवहन विभाग की काली कमाई का प्रतीक बने पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसने आत्मसमर्पण के लिए भोपाल जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत होकर प्रार्थनापत्र दिया था।

इस पर मंगलवार सुबह सुनवाई होनी थी, उससे पहले ही लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ को गिरफ्तार कर लिया। इसकी जानकारी सुबह सौरभ के अधिवक्ता राकेश पाराशर ने मीडिया से साझा की। उन्होंने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया।

चौंकाने वाली बात है कि उसके बावजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम गिरफ्तारी से इन्कार करती रही, लेकिन दोपहर तक लोकायुक्त के महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी। दोपहर बाद लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ के साथ उसके साझेदार चेतन गौर को भी न्यायालय में पेश किया और रिमांड की मांग की।

naidunia_image

चार फरवरी तक के लिए दोनों की रिमांड मंजूर

न्यायालय ने चार फरवरी तक के लिए दोनों की रिमांड मंजूर की है। वहीं, गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सक्रिय हो गई है। दोनों ही एजेंसियों ने उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।

छापे में करोड़ों बरामद

बता दें कि 19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के अरेरा कालोनी स्थित घर पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान उसके करीबी चेतन गौर की कार रातीबड़ थाना क्षेत्र के ग्राम मैंडोरा में खड़ी मिली थी।

आयकर विभाग की टीम ने कार से 11 करोड़ रुपये की नकदी और 52 किलोग्राम सोना समेत अन्य प्रापर्टी के दस्तावेज बरामए किए थे। उसी समय से सौरभ फरार चल रहा था। उस पर लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने प्रकरण दर्ज कर रखा है।

राजनीति भी गरमाई

वहीं, सौरभ प्रकरण को लेकर मध्य प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है। कांग्रेस के नेता भाजपा नेताओं पर उसे संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं। सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने में पूर्व परिवहन मंत्री समेत कई भाजपा नेताओं पर आरोप लग चुके हैं।

Saurabh Sharma: सौरभ शर्मा कांड से खुला MP में माफिया-राजनेता और नौकरशाहों के गठजोड़ का राज

अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ से करोड़ों की कमाई

सौरभ पर आरोप है कि उसने परिवहन विभाग में आरक्षक रहते अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ से टोल-नाकों पर वसूली का बड़ा सिंडिकेट खड़ा करके जमकर काली कमाई की और इस पैसे को बेनामी संपत्तियों में लगाया। करोड़ों रुपये की कमाई के बाद उसने कुछ वर्ष पहले परिवहन विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।

सौरभ की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि उससे जांच एजेंसियों की पूछताछ में कई बड़े राजफाश सामने आ सकते हैं। हालांकि कांग्रेस नेताओं का आरोप यह भी है कि सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण होने की वजह से उसे बचाने की पूरी कोशिश की जा सकती है।

पूछताछ के दौरान पहुंचा कारोबारी साझेदार शरद भी गिरफ्तार

लोकायुक्त सौरभ शर्मा से पूछताछ कर ही रही थी, तभी लोकायुक्त कार्यालय में सौरभ का कारोबारी साझेदार शरद जायसवाल भी पहुंच गया। उसके साथ उसका वकील भी था। उसने लोकायुक्त अधिकारियों को बयान देने की बात कही। बाद में लोकायुक्त ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे लोकायुक्त पुलिस बुधवार को कोर्ट में पेश करेगी।

गिरफ्तारी का स्थान नहीं बताया

लोकायुक्त कार्यालय में डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी की गई है, जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि कहां से गिरफ्तारी हुई तो उन्होंने कहा कि एक स्थान से की गई है। कहां से गिरफ्तारी की, इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी। जबकि सौरभ के वकील ने कोर्ट के बाहर से गिरफ्तारी करने की बात कही।

Source link
https%3A%2F%2Fwww.naidunia.com%2Fmadhya-pradesh%2Fbhopal-saurabh-sharma-saurabh-drama-lasted-for-41-days-arresting-himself-8378359
#Saurabh #Sharma #दन #चल #सरभ #क #डरम #खद #आकर #करई #गरफतर