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ट्रम्प दोस्त या खतरा, सवाल पर जयशंकर का जवाब: वे भारत के लिए आउट ऑफ सिलेबस, मोदी के साथ उनके अच्छे रिश्ते

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नई दिल्ली5 घंटे पहले

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जयशंकर गुरुवार को हंसराज कॉलेज में एक डायलॉग सेशन को संबोधित कर रहे थे। - Dainik Bhaskar

जयशंकर गुरुवार को हंसराज कॉलेज में एक डायलॉग सेशन को संबोधित कर रहे थे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ‘अमेरिकी राष्ट्रवादी’ बताया है और कहा है कि उनकी कुछ नीतियां भारत के लिए आउट ऑफ सिलेबस हो सकती हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में गुरुवार को एक डायलॉग सेशन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते को मजबूत बताया।

जब विदेश मंत्री से डॉयलॉग सेशन में सवाल पूछा गया कि ट्रम्प को आप भारत के लिए किस रूप में देखते हैं- एक दोस्त या फिर खतरा? इस पर जयशंकर ने कहा- (मुस्कुराते हुए) भाई अभी उनके मेहमान बनके आए हैं। उनके शपथ ग्रहण में गए थे। अच्छा ट्रीटमेंट दिया हमको। अब उसी का अपना मैसेज होता है न!

जयशंकर ने आगे कहा-

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वे (ट्रम्प) राष्ट्रवादी हैं। ट्रम्प को लगता है कि अमेरिका ने पिछले 80 साल से पूरी दुनिया की एक तरीके से जिम्मेदारी ले रखी है। यह फिजूल है। जो दुनिया पर खर्च होता है, वह अमेरिका में होना चाहिए। ये उनकी सोच है। रही बात हमारी तो भारत के संबंध अमेरिका से अच्छे हैं। मोदी जी के ट्रम्प से व्यक्तिगत संबंध हैं।

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ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में जयशंकर सबसे अगली कतार में बैठे थे।

ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में जयशंकर सबसे अगली कतार में बैठे थे।

जयशंकर बोले- अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय कहते हैं जयशंकर ने यह माना कि ट्रम्प की कई नीतियां वैश्विक मामलों में अहम बदलाव ला सकती हैं। विदेश मंत्री ने कहा, वह बहुत सी चीजें बदलेंगे। हो सकता है कि कुछ चीजें आउट ऑफ सिलेबस हों लेकिन हमें देश के हित में विदेश नीतियों के संदर्भ में खुला रहना होगा । उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे हो सकते हैं जिन पर हम एकमत न हों लेकिन कई क्षेत्र ऐसे होंगे जहां चीजें हमारे दायरे में होगी।

सत्र के दौरान, जयशंकर ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश के बारे में बदलती धारणाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘यहां तक ​​कि अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय कहते हैं, उन्हें लगता है कि इससे उन्हें विमान में सीट मिल जाएगी’

राजनीति में आने को लेकर कहा- ये बस एक संयोग जयशंकर ने शिक्षा क्षेत्र से नौकरशाह बनने और फिर राजनीति में आने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा- मैंने कभी नहीं सोचा था कि ब्यूरोक्रेट बनूंगा। पॉलिटिक्स में मेरी एंट्री बस एक संयोग था, अब इसे भाग्य कहें, या मोदी कहें। उन्होंने (पीएम मोदी) इस तरह से मुझे आगे बढ़ाया कि मना नहीं कर सका।”

जयशंकर ने यह भी कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय अभी भी अपनी सहायता के लिए भारत पर ही निर्भर हैं। उन्होंने कहा, ‘जो भी देश के बाहर जाते हैं, वे हमारे पास ही आते हैं। बाहर हम ही रखवाले हैं। ‘

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